फारबिसगंज विधानसभा सीट निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी अखाड़े में रहेंगे रंटू मंडल

राजनीति के मंजे खिलाड़ी राजारमण भास्कर उर्फ रंटू मंडल किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं

चुनाव निर्दलीय लड़ने की घोषणा से फारबिसगंज का राजनीतिक टेंपरेचर बढ़ा

फारबिसगंज/डा. रूद्र किंकर वर्मा।

भारत नेपाल सीमा से सटा अररिया जिले के फारबिसगंज विधान सभा सीट पर आसन्न एम एल ए चुनाव को लेकर बिछने विसात बिछने लगी है। इंडी अलायन्स की टिकट पाने के लिए मंडल समाज में जहां घमासान दिख रहा है वहीं भाजपा टिकट पाने के लिए टिकटार्थी अपना अपना गोटी सेट करने में लगे हैं।
पूर्णियां लोकासभा एवम रूपौली विधानसभा क्षेत्र में हुई निर्दलीय प्रत्याशी की जीत ने एन डी ए एवम इंडी गठबंधन को झकझोड़ कर रख दिया है। ऐसी परिस्थिति में हर पार्टी आसन्न विधान सभा चुनाव में प्रत्याशी ठोक बजा कर देगी। कारण लोकसभा पूर्णियां और रूपौली विधान सभा इसका प्रमाण है कि सत्तारूढ़ एवम विपक्ष अपने अपने प्रत्याशी की जीत जीत के लिए डेरा डाल कई सभा, क्षेत्र भ्रमण किया लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात निकला।
इस बार के चुनाव में भाजपा को भी जीत के लिए काफ़ी मशक्कत करना होगा। लोकसभा चुनाव अररिया के परिणाम भी एन डी ए को सीख देकर गई है। इसलिए पार्टी उम्मीदवार चयन में भी सतर्कता बरतेगी क्योंकि भाजपा में भी टिकट को लेकर मुरेठा वाला से लेकर कई भूप इस दौड़ में है।
बहरहाल चुनाव में अभी तो देर है लेकिन राष्ट्रीय पार्टी से कई चुनाव लड़ चुके युवराज राजा रमण भास्कर उर्फ रंटू मंडल ने तो निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर फारबिसगंज विधान सभा क्षेत्र में राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है। परिवार में बड़ी संख्या में प्रशासनिक पद पर आसीन साम दाम दंड भेद की कला में निपुण,फारबिसगंज के राजनीती में अहम रोल निभाने वाले मंडल समाज के युवा नेता
राजा रमण भास्कर उर्फ रंटू मंडल
किसी पहचान के मोहताज नहीं है।फारबिसगंज के प्रमुख बनाने में इनकी रणनीति को लोगों ने देखा। इनकी मां दो टर्म से मुखिया भी हैं।फ्रेंड्स ऑफ रंटू मंडल ने उनकी निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की पुष्टि की।
इधर राजारमण भास्कर ने कहा कि वे फारबिसगंज अपनी जन्मभूमि सीट से चुनाव लड़ेंगे।