सांची जनपद पंचायत कार्यालय में स्वच्छता के नाम पर महाघोटाला, 40 हजार की स्वच्छता सामग्री और पंचायतों से मांगे जा रहे एक लाख सत्रह हजार रुपए के बिल।




जैन ट्रेडर्स भोपाल एवं जनपद अधिकारियों की मौज, सरपंच सचिवों को स्वच्छता सामग्री खरीदने में आ रहा पसीना।

रायसेन। जहां एक ओर भारत सरकार से लेकर राज्य सरकार स्वच्छता मिशन को बढ़ावा देते हुए स्वच्छता की ओर जन अभियान चलाकर स्वच्छता की पहल को गांव-गांव तक पहुंचाने करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो निचले स्तर पर स्वच्छता मिशन के अंतर्गत जनपद पंचायतों को मिलने वाले स्वच्छता कार्यक्रम की करोड़ों की राशि खर्च करने के लिए जनपद अधिकारी अपनी मनमानी करते हुए स्वच्छता सामग्री जैन ट्रेडर्स कंपनी से खरीद कर सीधे ग्राम पंचायतों को दे रहे और पंचायत सचिव एवं सरपंचों को स्वच्छता सामग्री खरीदने के लिए कह रहे हैं। मजेदार बात यह है कि स्वच्छता सामग्री का बाजार मूल्य लगभग 40 से ₹45 हजार होगा परंतु जनपद पंचायत 1लाख 17 हजार की राशि के बिल लगाने के लिए ग्राम पंचायतों से कहा जा रहा है। ऐसी स्थिति में स्वच्छता मिशन के तहत चलाए जाने वाले स्वच्छता कार्यक्रम की खुलेआम जनपद अधिकारियों द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ऐसे में कैसे ग्रामीण जनप्रतिनिधि स्वच्छता पहल को गांव गांव तक पहुंचा पाएंगे इसका जीता जागता उदाहरण सांची विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत सांची के कार्यालय में देखा जा रहा है। जानकारी के अनुसार भोपाल की जैन ट्रेडर्स कंपनी से जनपद पंचायत सांची द्वारा स्वच्छता कार्यक्रम की सामग्री खरीदी जा रही है जिसका बाजार मूल्य लगभग 40 से 45 हजार रूपए होगा, परंतु क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के सचिव और सरपंचों को स्वच्छता सामग्री के लिए 1,लाख 17 हजार का बिल लिया जा रहा है, कहां तक न्यायोचित है, इससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि जनपद पंचायत के तहत आने वाली 83 ग्राम पंचायत है और इस हिसाब से भारी-भरकम राशि के बिल ग्राम पंचायतों से मांगे जाएंगे तो यह महा घोटाला एक करोड़ रुपए की राशि से अधिक तक पहुंच सकता है, जबकि स्वच्छता कार्यक्रम के तहत मिलने वाली सामग्री की खरीद करने के लिए ग्राम पंचायतों को ही सीधे राशि दिया जाना था जिससे कि वह खरीद कर कर पाती परंतु भोपाल के जैन ट्रेडर्स कंपनी और सांची जनपद अधिकारियों की मिलीभगत के कारण ऐसा नहीं किया जा रहा जिससे समूचे जनपद पंचायत के सरपंच और सचिव खासे परेशान दिखाई दे रहे हैं उन्हें स्वच्छता सामग्री खरीदने में ही पसीना आ रहा है।

स्वच्छता कार्यक्रम के तहत पंचायतों को दी जा रही यह सामग्री ,,,,,,

स्वच्छता मिशन के अंतर्गत चलाए जा रहे गांव गांव में स्वच्छता कार्यक्रम के तहत जनपद पंचायत से ग्राम पंचायतों को जो स्वच्छता सामग्री दी जा रही है उसके तहत डस्टबिन, फावड़ा, बेलचा, झाड़ू, तथा जालीदार कचरा घर आदि सामान दिया जा रहा है, जिसकी कीमत देखा जाए तो बाजार मूल्य 40 से 50 हजार होगा परंतु ग्राम पंचायतों को अगर कोई सरपंच या सचिव जनपद पंचायत में स्वच्छता सामग्री खरीदने के लिए पहुंचता है तो जनपद अधिकारियों द्वारा उनसे कहा जाता है कि सामग्री ले जाने के उपरांत 1लाख17 हजार का बिल जनपद को उपलब्ध कराएं ऐसी स्थिति में सरपंच और सचिव भी हैरान-परेशान दिखाई दे रहे है। उन्होंने इस बात से जनपद पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती अनीता पोर्ते और अध्यक्ष प्रतिनिधि वरिष्ठ भाजपा नेता प्रदीप दीक्षित को भी अवगत कराया है उन्होंने भी यह मामला संज्ञान में लेते हुए शासन स्तर पर पहुंचाने की बात सरपंच सचिवों से कही है।

क्या ऐसे ही होगा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रम का सपना साकार,,,,,,,

शासन द्वारा स्वच्छता मिशन के तहत करोड़ों रुपए स्वच्छता कार्यक्रम पर खर्च करते हुए गांव गांव में स्वच्छता की अलग जगाने के उद्देश्य स्वच्छता मिशन के तहत पहल करते हुए गांव-गांव में स्वच्छ वातावरण हो ऐसा मानकर ग्राम पंचायतों के माध्यम से गांव में कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है ताकि ग्रामीण क्षेत्र की जनता को भी स्वच्छ वातावरण मिल सके परंतु जनपद पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी नहीं चाहते कि गांव में स्वच्छ वातावरण निर्मित हो क्योंकि वह जितनी सामग्री ग्राम पंचायतों को को दे नहीं रहे उतनी से ज्यादा राशि लेने के लिए ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव को मजबूर किया जा रहा। जो भी सरपंच सचिव जनपद पंचायत में स्वच्छता सामग्री खरीदने पहुंचता है उनसे यही कहा जा रहा है कि सामग्री तो ले जाओ परंतु विल 1,17हजार रुपए कीमत का देना होगा ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायतों के सरपंच और सचिवों को भी पसीना छूट रहा है, उन्होंने इस बात से जनपद अध्यक्ष से लेकर अध्यक्ष प्रतिनिधि और अपने अपने क्षेत्र के जनपद सदस्यों को भी अवगत कराया है अब देखना है कि आगामी समय में समग्र स्वच्छता की पहल गांव में कारगर साबित हो सकती है या फिर इसी तरह से स्वच्छता के नाम पर गड़बड़झाला देखने को मिलता रहेगा यह शासन स्तर पर जांच का विषय है । सरकार को भी चाहिए कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष रूप से इसकी जांच हो और ग्रामीण जनता, जनप्रतिनिधियों को भी स्वच्छता की जनहितेशी पहल का समय रहते लाभ मिल सके। परंतु जनपद पंचायत सांची के जिम्मेदार अधिकारियों के अपने मनमाने ढंग से काम करने से ग्राम पंचायतों के सरपंच और सचिव नाराज हो रहे हैं इस बात की चर्चा प्रत्येक पंचायत स्तर पर सुनने को मिल रही है।

दो दर्जन ग्राम पंचायत खरीद चुके हैं अभी तक स्वच्छता सामग्री,,,,,,

जनपद पंचायत सांची के तहत आने वाली 83 ग्राम पंचायतों में से अभी तक लगभग दो दर्जन ग्राम पंचायत स्वच्छता सामग्री खरीद चुकी हैं परंतु इन ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव से स्वच्छता सामग्री के 1लाख 17हजार कीमत राशि के बिल मांगे जा रहे हैं, जिसके चलते अभी किसी भी पंचायत ने बिल नहीं दिए हैं। जानकारी के अनुसार सांची जनपद की ग्राम पंचायत सदालतपुर, खरवई, राजीव नगर, सिलपुरी, माखनी, बनखेड़ी सहित दो दर्जन ग्राम पंचायतें शामिल है। इन 2 दर्जन पंचायतों के सचिव जिन्होंने स्वच्छता सामग्री जनपद कार्यालय से ली है अब ज्यादा राशि के बिल मांगने की वजह से बिल नहीं दे पा रहे। मामला समूचे सांची जनपद क्षेत्र में जन चर्चा का विषय बनता जा रहा है, इस मामले को लेकर सांची जनपद के सभी जनप्रतिनिधि, जनपद सदस्य, सरपंच, सचिव लामबंद हो गए हैं।

जनपद अध्यक्ष, जनपद सदस्यों के संज्ञान में भी नहीं लाया गया मामला,,,,

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की मुख्य धुरी माने जाने वाली जनपद पंचायतों में जनपद सदस्यों के माध्यम से चुनकर आए जनपद अध्यक्ष और यहां तक की जनपद सदस्यों के संज्ञान में भी स्वच्छता कार्यक्रम का मामला संज्ञान में नहीं लाया गया है । इस संबंध में जनपद पंचायत सांची की अध्यक्ष श्रीमती अनीता पोर्ते से जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि जनपद क्षेत्र में चलने वाले स्वच्छता कार्यक्रम के तहत जो सामग्री ग्राम पंचायतों को दी जा रही है और सामग्री के बदले में उनसे अधिक राशि के बिल मांगे जा रहे हैं, इस प्रकार के मामले हमारे संज्ञान में आए हैं, कई ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिवों ने बताया है कि जितनी सामग्री खरीद कर रहे हैं उससे ज्यादा के बिल उनसे जनपद पंचायत द्वारा लिए जा रहे हैं । इस मामले की हम शासन स्तर पर भी शिकायत करेंगे एवं क्षेत्र के मंत्री एवं जिला प्रभारी मंत्री को भी मामले से अवगत कराएंगे। इसी क्रम में जनपद अध्यक्ष के प्रतिनिधि के रूप में काम देख रहे भाजपा नेता प्रदीप दीक्षित से जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि यह मामला उनके संज्ञान में जनपद पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा नहीं लाया गया, इस बात की जानकारी तो हमें ग्राम पंचायतों के सरपंच और सचिवों से मिली है कि स्वच्छता कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली 40 से ₹45 हजार कीमत तक की सामग्री जो ग्राम पंचायतों को दी जा रही है उसकी कीमत के बदले उनसे 1लाख 17 हजार रुपए का बिल मांगा जा रहा है, इस मामले को संज्ञान में लेते हुए हम शीघ्र ही क्षेत्रीय विधायक एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी जी एवं जिला प्रभारी मंत्री अरविंद भदोरिया जी को अवगत कराएंगे।