सिमराहा थानाध्यक्ष के विरूद्ध कारण बताओ नोटिस जारी

अररिया ।

नन बेलेबुल वारेंट व प्रोसेस धारा 82, 83 सीआरपीसी के नोटिस का तामिला समय पर न्यायालय में उपस्थापित नही करना सिमराहा थानाध्यक्ष को महंगा पड़ सकता है.
सोमवार को इसी प्रकार के एक मामले में न्यायालय आदेश की अवहेलना करने पर सिमराहा थानाध्यक्ष के विरूद्ध एडीजे-06 सह पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार की अदालत ने सिमराहा थानाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हैं.
यह आदेश महिला थाना कांड संख्या 33/ 2018 पॉक्सो स्पेशल 19/2018 मे 08 जनवरी को जारी किया है.
पोक्सो के स्पेशल पीपी डॉ श्यामलाल यादव ने बताया कि न्यायिक आदेश के तहत इस मुकदमे की आगामी निर्धारित तिथि 20 जनवरी तक या उससे पूर्व निश्चित रूप से धारा 82 एवं 83 सीआरपीसी का तामिला न्यायालय में सुनिश्चित करना है, यदि थानाध्यक्ष सिमराहा द्वारा 20 जनवरी 2024 तक तामिला एवं कारण पृच्छा दाखिल नही करते हैं तो, वैसे स्थिति में न्यायालय द्वारा गम्भीर आदेश पारित किया जाएगा.

इस संबंध में जानकारी देते हुए पोक्सो के स्पेशल पीपी डॉ श्यामलाल यादव ने बताया कि जिले के सिमराहा थाना क्षेत्र के पोठिया गांव का रहनेवाला 23 वर्षीय मुन्शी राजा पिता मो मुस्ताक के द्वारा शादी का प्रलोभन देकर 17 वर्षीय बच्ची के साथ शारिरिक संबंध बनाते हुए यौन शोषण किया गया था. इस मामले में अभियुक्त मुन्शी राजा हाई कोर्ट पटना से क्रिमिनल मिसलेनियस 59627/19 से जमानत प्राप्त करने के बाद न्यायालय में अनुपस्थित चले आ रहे थे. जिसपर न्यायालय के न्यायधीश द्वारा अभियुक्त मुन्शी राजा का जमानत बंधपत्र 11 दिसंबर 2020 को ही खंडित कर दिया गया था. जमानत खंडित होने के बाद न्यायालय से अभियुक्त के विरुद्ध नन बेलेबुल वारेंट का आदेश दिया था, जो 22 नवंबर 2022 को जारी किया गया. इसके बाद धारा 82 सीआरपीसी प्रोसेस 27 जून 2023 को व धारा 82 सीआरपीसी प्रोसेस 20 सितंबर 2023 को न्यायालय द्वारा निर्गत किया गया। जिसका तामिला अबतक सुनिश्चित नही किया गया है. इसप्रकार, थानाध्यक्ष सिमराहा की लापरवाही दर्शाता है.

पोक्सो के स्पेशल पीपी डॉ श्यामलाल यादव ने बताया कि न्यायलय द्वारा 20 जनवरी 2024 या उससे पहले तामिला सुनिश्चित करते हुए कारण बताओ नोटिस न्यायलय मे सदेह उपस्थित होकर दाखिल करने का आदेश दिया गया है.