कानपुर में राहुल गांधी के खिलाफ भड़का सिख समाज , निकाली रोष यात्रा

  • सिख समाज के नेता सिमरनजीत सिंह, गुरविंदर सिंह विक्की, अमरजीत सिंह पम्मी, नीतू सिंह, और अजीत सिंह छाबड़ा की अगुवाई में निकली विशाल रोष यात्रा में शामिल हुए सैंकड़ों

सुनील बाजपेई
कानपुर। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में दिए गए धर्म विरोधी बयान से सिख समाज बहुत आहत है। उसमें राहुल गांधी के इस बयान को लेकर जबरदस्त रोष भी व्याप्त है, जिसे जाहिर करने के लिए राहुल गांधी के बयान के खिलाफ यहां एक बड़ी सिख रोष यात्रा भी निकाली गई।
सैकड़ों लोगों की भागेदारी वाली यह सिख रोष यात्रा गुरुद्वारा कीर्तनगढ़ गुमटी नंबर 5 से प्रारंभ होकर संत नगर गुरुद्वारा पर समाप्त हुई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता और सिख रोष यात्रा का संयुक्त रूप से नेतृत्व सिमरनजीत सिंह, गुरविंदर सिंह विक्की, अमरजीत सिंह पम्मी, नीतू सिंह, और अजीत सिंह छाबड़ा ने किया।
यात्रा के दौरान, सिख समाज के लोग राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए “राहुल गांधी शर्म करो” और “सिखों की हत्‍या कांग्रेस सरकार बंद करो” जैसे नारों के साथ अपना विरोध प्रकट कर रहे थे। जिसकी गूंज पूरे गुमटी क्षेत्र में सुनाई दी।
यहां सभा को संबोधित करते हुए सिख समाज की समस्याओं के खिलाफ उनके हित में जुझारू संघर्ष में अग्रणी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा सह-संयोजक सिमरनजीत सिंह ,सिख पंजाबी वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष और गुरु नानक गर्ल्स पी जी कॉलेज के सचिव अमरजीत सिंह पम्मी ,गुरुद्वारा बाबा नामदेव के अध्यक्ष नीतू सिंह , अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष अजीत सिंह छाबड़ा सिख वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष गुरविंदर सिंह विक्की ,जिला मंत्री कमलदीप सिंह आदि ने राहुल गांधी के बयान की एक स्वर में बेहद कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सिख धर्म और इसकी महान परंपराओं का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। और ऐसा करने वाले वाले राहुल गांधी जैसे लोगों को इसका मुंहतोड़ जवाब भी दिया जाएगा।
निकाली गई सिख रोष यात्रा में गुरुद्वारा सरसैय्या घर के मुख्य सेवादार रमींदर सिंह रिंकू, गुरजिंदर सिंह, गुरदेव सिंह, संजय टंडन, बक्शीश सिंह, सुखविंदर सिंह, गगन सोनी, अजीत सिंह, प्रिंस और रोमी सहित अन्य प्रमुख सिख नेता और समाजसेवी मौजूद रहे।
अवगत कराते चलें कि गत दिवस सिख धर्म के विरुद्ध दिए गए बयान के विरोध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का पुतला जलाकर भी जबरदस्त रोष जाहिर किया गया था।

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