दैनिक समाज जागरण संवाददाता
खरसावां
खरसावां विधानसभा क्षेत्र के युवा नेता सह समाजसेवी विनोद बिहारी कुजूर ने खूंटी लोकसभा क्षेत्र के सांसद कालीचरण मुंडा से मुलाकात कर भारत सरकार के भारतीय रेल मंत्रालय नाम पर एक मांग पत्र सौंपकर सीनी एवं महालीमुरूप रेलवे स्टेशन के बीच घोड़ालांग गाँव में पेंसेन्जर ट्रेन हॉल्ट निर्माण की मांग की है। सासंद को सौपे गए मांग पत्र में कहा गया कि दक्षिण पूर्व रेलवे चक्रधरपुर प्रमण्डल अन्तर्गत सीनी एवं महालीमुरूप रेलवे स्टेशन के बीच में घोड़ालांग ग्राम होते हुए रेलगाडी का परिचालन होता है। जहाँ कि कुल आबादी लगभग तीन हजार है तथा उक्त ग्राम घोड़ालांग से दो किलोमीटर के अंतर्गत वॉकसाई में 1800, हातिया में 2500, कदमडीहा में 1500, दासियाडीह में 1500, लाखोडी में 2000, डॉगरडीहा में 1800, सरमाली में 2200, जोजो में 1600, विरदाडीह में 1900, केन्दुआ में 3500, गुडिया टॉड में 1000, गुराडीह गांव में 1400, नारायनडीह में 1500, रेंगुडीह में 1500, बड़ागांव में 2000, कांचनटांड में 2200, कदमबेड़ा में 1800, नारायनडीह में 2000, कोईरा में 1500, बीटाबुरू में 2100, दोलुडीह में 1500 तथा मोसोडीह में 2000 आबादी है। उपरोक्त गाँव के लोग मजदूरी के लिए प्रतिदिन आदित्यपुर गम्हारिया, चाईबासा, चक्रधपुर तथा जमशेदपुर स्थित विभिन्न कम्पनियों में काम करने के लिए आवागमन करते हैं। वे लोग रेलगाड़ी से अवागमन करने हेतु सीनी स्टेशन तथा महालीमुरूप स्टेशन जाना पड़ता है। जिसके लिए वे लोग घर से प्रतिदिन सुबह 5 बजे निकलते हैं। जबकि सीनी रेलवे स्टेशन में रेलगाड़ी ठहराव का समय 6‐30 बजे पुर्वाहन है और रात्रि में वे लोग 9‐30 बजे घर पहुँचते हैं। जिसके कारण ग्रामीणों को प्रतिदिन काफी परेशानीयों का सामना करना पड़ता हैं। दक्षिण पूर्व रेलवे अन्तर्गत काण्ड्रा मार्ग के मध्य कई रेलवे स्टेशन है। जिसकी दूरी 2 से 4 किलोमीटर के अंतर्गत कुंकी, सुदामडीह,भौरा,जामाडोबा,भागा, लयाबाद, नोआमुंडी, सलगा झारी तथा अदित्यपुर रेलवे स्टेशन स्थित है। इसको ध्यान में रखते हुए कहना हैं कि घोड़ालांग गाँव के आसपास विभिन्न गांवो में लगभग बीस हजार से अधिक लोग रहते है। जिनको अपने घर से रोजगार हेतु प्रतिदिन टेªनो का सहारा लेना पड़ता है। तथा उपर वर्णित समस्याओं से जुझना पडता है। ग्रामीणों के अति अवश्यक मांग को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित घोड़ालॉग पेंसेन्जर ट्रेन हॉल्ट निर्माण की मांग की है। ताकि यहाँ के ग्रामिणों का प्रतिदिन रेलमार्ग से अवागमन का समाधान हो सके।