अररिया ।
बिहार राज्य को पोलियो मुक्त हुए 15 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन पड़ोसी देशों जैसे अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अभी भी पोलियो का संक्रमण जारी है। इस स्थिति के मद्देनज़र, राज्य में दोबारा संक्रमण के प्रसार का खतरा बरकरार है। दीपावली और छठ महापर्व के दौरान, जब जिले में बाहरी परिवारों का आगमन होता है, पोलियो संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
इसी संदर्भ में, इंडियन एक्सपर्ट एडवाइजरी ग्रुप (IEAG) की अनुशंसा पर, राज्य सरकार ने 21 से 31 अक्टूबर तक 0 से 5 साल तक के सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने के लिए एक विशेष अभियान संचालित करने का निर्णय लिया है।
ट्रांजिट प्वाइंट पर टीकाकर्मियों की तैनाती
जिला स्वास्थ्य विभाग इस अभियान की सफलता के लिए आवश्यक तैयारियों में जुट गया है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मोईज ने बताया कि उन स्थलों की पहचान की गई है, जहां से बच्चे जिले के प्रखंडों और गांवों में प्रवेश करेंगे। इन चिह्नित स्थलों पर आगामी 30 अक्टूबर से 8 नवंबर तक विशेष ट्रांजिट दल की तैनाती की जाएगी, ताकि बाहर से आने वाले बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जा सके।
इसी प्रकार, छठ महापर्व के दौरान जिले के महत्वपूर्ण घाटों पर 7 और 8 नवंबर को विशेष टीकाकरण दल गठित किया जाएगा।
खतरा अभी टला नहीं, सतर्कता आवश्यक
सिविल सर्जन डॉ. केके कश्यप ने कहा कि दीपावली और छठ महापर्व के दौरान बड़ी संख्या में ऐसे परिवार अपने गृह जिले लौटते हैं, जो स्थायी तौर पर यहां निवास नहीं करते। इससे पोलियो संक्रमण के फिर से प्रसार का खतरा बना रहता है। संक्रमण के खतरों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से इस विशेष अभियान का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने सभी से सावधानी बरतने और बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने की अपील की है, क्योंकि पोलियो का खतरा अभी पूरी तरह से नहीं टला है।