विद्यार्थी भावी जीवन में निरंतर सीखने की भावना रखें जागृत- राज्यपाल
शारीरिक व मानसिक विकास के लिए व्यायाम एवं योग आवश्यक-राज्यपाल
राज्यपाल ने पं. शंभूनाथ विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को किया संबोधित
शहडोल ।मध्य प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि भावी जीवन में कैरियर की सफलताओं में माता-पिता, गुरूजन और समाज के जरूरतमंद पीछे नहीं छूटने चाहिए। पालकों के संघर्ष के पलों, समाज के सबसे पिछड़े, गरीब व्यक्ति के आपकी शिक्षा-दीक्षा में प्रत्यक्ष और परोक्ष सहयोग को सदैव याद रखें। दीक्षांत शपथ के दस्तावेज को सम्भाल कर रखें। प्रतिदिन उसे दोहराएं और उसके अनुसार आचरण करें। आस-पास के वंचितों की जरूरतों की जानकारी लें। उनको पूरा करने का यथा संभव प्रयास करें। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए कहा कि हर व्यक्ति में अपार क्षमता है, आवश्यकता अपनी शक्तियों को जगाने की है। उन्होंने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की गरिमा को बढ़ाने और समाज एवं राष्ट्र की सेवा में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए शुभकामनांए दी। मध्य प्रदेश के माननीय राज्यपाल मंगुभाई पटेल मंगलवार को पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा है कि दीक्षांत समारोह, विद्यार्थी और विश्वविद्यालय दोनों के लिए अत्यंत भावनात्मक और अविस्मरणीय पल होता है। नये भविष्य के निर्माण पथ पर आगे बढ़ने का महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में नए अवसरों को प्राप्त करने और नई चुनौतियों के समाधान खोजने में अपने ज्ञान और कौशल को निरंतर अपडेट करते रहें। राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थी भावी जीवन में निरंतर सीखने की भावना जागृत रखें। तेजी से बदलते आज के तकनीकी युग की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में निरंतर ज्ञान की खोज समय की जरूरत है। इसीलिए विद्यार्थी जीवन में नए अवसरों को प्राप्त करने और नई चुनौतियों के समाधान खोजने में अपने ज्ञान और कौशल को निरंतर अपडेट करते रहें। उन्होंने कहा कि सपने साहस और धैर्य से साकार होते हैं। जरूरत है तो बस असफलता से सीख कर, स्वयं में बदलाव करते हुए आगे बढ़ने की।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि शारीरिक व मानसिक विकास के लिए व्यायाम एवं योग अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जहां स्वस्थ शरीर होगा, वहां मानसिक विकास भी अच्छा होगा। यह एक दूसरे के पूरक होते हैं तथा प्रगति के नए सोपान स्थापित करने में सहयोग प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विद्यार्थियों को जीवन जीने के चार मंत्र बताएं हैं, जिसमें ज्यादा से ज्यादा व्यायाम करो, मिलेट्स का सेवन करें, ज्यादा से ज्यादा जल ग्रहण करें तथा भरपूर नींद लें। जिससे स्वस्थ शरीर का विकास होगा एवं स्वस्थ शरीर के विकास से स्वस्थ मानसिकता का भी विकास हो सकेगा।
राज्यपाल ने कहा कि शहडोल संभाग जनजातीय बाहुल्य संभाग है तथा यहां के विद्यार्थियों को मध्य प्रदेश के जनजातीय महानायक टंट्या मामा, रानी दुर्गावती, रानी कमलापति, रघुनाथ शाह एवं शंकर शाह सहित अन्य विभिन्न महानायकों के जीवन गाथाओं को पढ़ना चाहिए तथा उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान देकर देश एवं प्रदेश की रक्षा की तथा स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया। ऐसे महान नायकों के बारे में सभी विद्यार्थियों को जानना, पढ़ना एवं समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र में सिकल सेल एनीमिया एक व्यापक बीमारी है। जिसका जागरूकता ही बचाव है। सभी विद्यार्थी विद्या ग्रहण कर अपने-अपने क्षेत्र में जाकर सिकल सेल एनीमिया से बचाव हेतु जागरूकता फैलाए तथा जनजातीय लोगों का सिकल सेल एनीमिया की जांच भी कराएं, जिससे सिकल सेल एनीमिया जैसे घातक बीमारियों से बचा जा सके। मुझे खुशी है कि शंभू नाथ विश्वविद्यालय ने सिकल सेल एनीमिया के उपचार के लिए एवं लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए कार्य किया है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से समर्थ, सशक्त, समृद्ध और विकसित भारत बनाने के लिये भावी पीढ़ी को मति, गति और दिशा निर्धारण करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों को सौंपी है। विश्वविद्यालयों से अपेक्षा है कि शिक्षा के इस मंदिर में विद्यार्थियों को ज्ञान, विज्ञान के साथ बौद्धिकता और संस्कारों के समन्वय की सीख भी दें। हर विधा के विद्यार्थियों को शोध एवं नवाचारों को समझने और अपनाने का अवसर भी विश्वविद्यालय में मिले।
दीक्षांत समारोह को विधायक जयसिंहनगर श्रीमती मनीषा सिंह, पं. शंभू नाथ विश्वविद्यालय शहडोल के कुलगुरु प्रो. राम शंकर, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलगुरु प्रो० ए.डी.एन. वाजपेयी ने भी संबोधित किया तथा विद्यार्थियों को गुरु शिष्य की परंपरा, भारतीय ज्ञान परंपरा, अनेक भारतीय विद्वान, पौराणिक एवं ऐतिहासिक विश्वविद्यालय, स्मृति, भाषा, पौराणिक ग्रंथ, शास्त्र एवं पद्धति, भारतीय त्यौहार एवं पर्व तथा भारतीय कवियों का व्याख्यान किया तथा गुरु एवं शिष्य के आत्मिकता से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी दी।
विश्वविद्यालय की स्मारिका किया गया विमोचन
राज्यपाल ने पंडित शंभूनाथ विश्वविद्यालय शहडोल के चतुर्थ दीक्षांत समारोह का मां सरस्वती की वंदना के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इससे पहले विश्वविद्यालय की शोभा-यात्रा ने स्वस्तिवाचन के साथ सभागार में प्रवेश किया। समारोह में राज्यपाल के मंच पर पधारने के बाद राष्ट्रगान जन-गण-मन धुन प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में अतिथिगण का शॉल तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने पं. शंभुनाथ विश्वविद्यालय की स्मारिका पर केंद्रित पुस्तक का विमोचन भी किया। समारोह राज्यपाल मंगुभाई पटेल द्वारा विश्वविद्यालय के प्रतिभावान 45 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल एवं उपाधि प्रदान की गई।
समारोह में कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल, कमिश्नर शहडोल संभाग श्रीमती सुरभि गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक अनुराग शर्मा, डीआईजी शहडोल जोन सुश्री सविता सुहाने, कलेक्टर डॉ. केदार सिंह, पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव, पंडित शंभूनाथ विश्वविद्यालय के रजिस्टर डॉ. आशीष तिवारी, प्रो. प्रवीण शर्मा, प्रो. प्रमोद पांडेय सहित अन्य प्रोफेसर, जनप्रतिनिधि अधिकारी एवं बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं एवं उनके अभिभावक भी उपस्थित थे।