जहां श्रद्धा झूमती है और
उमडती है आस्था ।।
((श्री धाम वृन्दावन यात्रा- एक
संस्मरण))
सिंहपुर (सागर मिश्रा द्वारा ) जीवन में कुछ ऐसे क्षण आते है जिन्हें भूल पाना बडा कठिन हो जाता है दूसरी बात जीवन मे कुछ
ऐसे अवसर मिलते है जो अत्यधिक
रोचक और आनन्द दायक बन जाते
है इतना ही नही यात्रा यदि धार्मिक हो तो उस यात्रा के स्मरण से भगवन
की शरणागति पश्चात उसे याद करके
मन बाग-बाग हो उठता है उन रोचक
सरस भक्ति पूर्ण क्षणों में एक ऐसा क्षण मुझे ऐसा मिला जब जीवन मे पहली बार परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकम्पा एवं श्रीधाम वृन्दावन यात्रा ग्रुप बरही के सौजन्य एवं मार्गदर्शन पर बृज धाम ( मथुरा-
वृन्दावन) साथ में घूमने भ्रमण करने का सुन्दर सुअवसर प्राप्त हुआ जैसे ही बृजभूमि पहुंचा बृज की भूमि का
रज जैसे सिर माथे लिया श्री राधे कृष्ण जी की कृपा से मेरे मन मस्तिष्क में दिव्य और विशेषकर
शान्ति की अनुभूति हुई हमें ऐसा प्रतीत हो रहा था मै और मेरा शरीर
पूर्ण रूपेण स्वस्थ ऊर्जा उत्साह से युक्त महशूष कर रहा हू एवं सभी ग्रुप
के सदस्यों के श्रीमुख से ” जय श्री राधे कृष्ण ” राधे राधे का स्मरण सस्वर वाचन और जाप ही निकलता था । सभी लोग सिर्फ बांके बिहारी जी की दिव्य अलौकिक छबि दर्शन किए वहां से उठने से उठने की इच्छा
नही हो रही थी इतनी भीड़ होने के बाद भी श्री बांकेबिहारी जी सभी दर्शनार्थियों को दर्शन देते हुए सभी को आकर्षित कर मन्त्रमुग्ध कर लेते है उनकी महिमा अपरम्पार है सम्पूर्ण
कलाओ से युक्त परमब्रह्म परमेश्वर
भगवान श्री कृष्ण जी के दर्शन सभी के ह्रदय में अदॣभुत सकारात्मक ऊर्जा प्रकट हो गई सभी में सफलता
के नये द्वार खुलना तय है सभी के दिलो दिमाग ह्रदय में श्री राधा कृष्ण
का चरित्र का वास हो गया श्री राधाकृष्णन माधुर्य भाव युक्त प्रेम का अविरल प्रवाह होना सुनिश्चित है
बृज में निवास करने वाले लोग भी बहुत अच्छे है शान्त सौम्य धीर वीर गंभीर वे अपने व्यवहार से सभी को मोहित कर लेते है पूरे बृज भ्रमण के दौरान पवित्र पावन भूमि का नजारा चहल-पहल ऐतिहासिक पुरातात्विक
मंदिर मठ देवालयो के प्रति सभी का प्रेमाकरषण रोचक रहा स्मरण करना
महिमा का वर्णन कठिन है हम आप सबका अहो भाग्य है यात्रा के दौरान
बहुत-बहुत रोचक झलकियाँ है यदि समय मिला तो लिखने का प्रयास होगा ।
आप सभी का बहुत बहुत दिल
से धन्यवाद आभार प्रकट करते हैकि
यात्रा के दौरान सुखद संयोग बना
ऐसा लगा वर्षो से चिरपरिचित है सभी लोग ज्ञान के सागर है सभी मे
सरस्वति और लक्ष्मी का वास है सरलता सहजता का और कही अन्य
जगह उदाहरण नही रहा और सभी मे गजब की न थका देने वाली ऊर्जा
दिखी हम सपरिवार सभी के प्रति सहृदय आभार प्रकट करते है हम
कृतघ्न ऋणी है बहुत-बहुत आत्मीय
धन्यवाद।
वृंदावन दर्शन
प्रथम दिवस
१. श्री राधा बल्लभ जू
२. श्री बांके बिहारी जू
३. श्री स्नेह बिहारी जू
४. श्री राधा दामोदर जू
५. श्री राधारमण लाल जू
६. श्री निधिवन जू
७. श्री यमुना जी विहार
८. श्री गोपेश्वर महादेव जी
९. इस्कॉन मंदिर
१०. प्रेम मंदिर
द्वितीय दिवस
११. श्री नंदग्राम
१२. श्री कीर्ति मंदिर बरसाना
१३. श्री लाड़ली महाराज जू ( श्री राधा रानी मंदिर ) बरसाना
१४. श्री गिरिराज जी ( गोवर्धन )
१५. श्री मांशी गंगा
१६. श्री राधा कुंड , श्याम कुंड
तृतीय दिवस
१७. श्री द्वारिकाधीश मंदिर
१८. श्री कृष्ण जन्मभूमि
१९. श्री रमणरेती
२०. ८४ खम्बा मंदिर
२१. गोकुल
२२. श्री गौरी गोपाल आश्रम
चतुर्थ दिवस
२३. श्री श्याम सुंदर यमुना महारानी में प्रातः स्नान
तत्पश्चात
श्री वृंदावन धाम में फिर से श्री राधावल्लभ लाल जू की मंगला आरती में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और पुनः एक बार प्यारे राधारमण लाल जू की दिव्य दर्शन प्राप्त किए
तत्पश्चात माताओ बहनो द्वारा बाज़ार से उचित मूल्य पर खरीददारी करने के पश्चात मथुरा ज़. की ओर प्रस्थान किया
ये कृपा नही… तो क्या है!
21 नवंबर को वैवाहिक यात्रा की 21वी वर्षगांठ पर श्रीधाम वृंदावन की यात्रा का मिला सौभाग्य
यात्रा में शामिल 30 सदस्यीय बिप्र बंधुओ, पूज्यनीय मातृ शक्तियों ने इस धार्मिक यात्रा को बना दिया यादगार
21 नवंबर को वैवाहिक यात्रा के 21 वर्ष पूर्ण होने पर श्रीधाम वृंदावन पहुँचने की तीव्र उत्कंठा हुई, फिर क्या था जीवन संगिनी श्रीमती राधारानी संग अपने आराध्य ठाकुर श्रीबांके बिहारी, लाडली जू सरकार श्यामा जू का दरस पाने हम 20 नवंबर को रवाना हो चले…साथ मिल गया बरही के 30 सदस्यीय बिप्र बंधुओ, पूज्यनीय माताओं का, जिससे इस यात्रा का उमंग, उत्साह, उल्लास में चार-चांद लग गया…21 नवंबर की अलसुबह हम श्रीधाम वृंदावन पहुँच गए…हम सभी वृंदावन की कुंज गलियों में एक साथ डोलते रहे….श्यामा-श्याम जू की यह कृपा नही तो क्या है…वैवाहिक वर्षगांठ पर श्रीधाम वृदांवन का दर्शन बिप्र बंधुओ के साथ कराने का इस बार सौभाग्य प्राप्त हुआ…
यह भी अजीब इत्तेफाक था सफर के दौरान बगल की सीट में शहडोल जिले के सिंहपुर के शिक्षक श्री ऋषि पांडेय जी परिवार के साथ यात्रा कर रहे थे, वे पहली बार श्रीधाम वृंदावन जा रहे थे…श्रीधामवृंदावन की इस यात्रा में वे भी साथ मे कुंज गलियों का आनंद लेते रहे.… यात्रा में शामिल परिवार सहित आदरणीय रवि मोहन पांडेय जी, ओपी मिश्रा जी, शिक्षक सतीश गौतम जी, रमाकांत तिवारी जी, पंकज भैया, अंशुल भैया, अनुभव मोंटी भैया श्री मती अर्चना तिवारी
श्रीमती प्रमिला पाण्डेय
सुश्री ऋचा पाण्डेय ब्रजधाम के अलौकिक अद्वितीय दर्शन हेतुजो 21 नवम्बर 2024 को
श्री वृन्दावन धाम में 22 नवम्बर को
बरसाना गिरिराज जी, राधाकुंड तथा
माशीगंगा मे पदयात्रा हुई 23 नवम्बर
को मथुरा में द्वारिकाधीश श्री कृष्ण जन्मभूमि , गोकुल, चौरासी खम्भा मंदिर तथा रमणदेवी पदयात्रा तथा
24 नवम्बर को श्री वृन्दावन धाम से
क्रमशः बरही एवं सिंहपुर वापसी हुई
ब्रज की यात्रा मे रवि मोहन पाण्डेय रमाकांत तिवारी श्री पंकज मिश्रा आशुतोष गौतम
श्री ओ पी मिश्रा ऋषि मिश्रा अंकित मिश्रा अनुभव मिश्रा प्रथम तिवारी
राहुल मिश्रा के साथ-साथ श्रीमती अर्चना तिवारी, श्रीमती सीता पाण्डे,
श्रीमती शिवकुमारी मिश्रा, श्रीमती मंजू मिश्रा, श्रीमती पुष्पा गौतम श्रीमती आशा गौतम ,श्रीमती रीता
मिश्रा श्रीमती मधुलता मिश्रा श्रीमती
चन्द्रकिरण मिश्रा शामिल रहे है
सहित ग्रुप में शामिल सभी अग्रज-अनुज की सहभागिता ने इस यात्रा को यादगार बना दिया…राधे… राधे, जयश्रीराधे
21 नवंबर की सुबह दिल्ली से श्रीधाम वृंदावन पहुँची बेटी श्रेया से मिलकर यह यात्रा और भी आनंदमयी हो गई…3 दिन तक वृंदावन, नंदगांव, बरसाना, गोवर्धन, मथुरा, गोकुल, रमणरेती, चौरासी खम्भा पुराना गोकुल धाम का दर्शनकर रवाना हुए देश के दिल दिल्ली के लिए, जहां से अपनी कर्मभूमि विजयनाथधाम बरही वापस लौटा।