इश्क में अंधी मां ने अपने ही बेटे का गला घोट दिया।

समाज जागरणविश्व नाथ त्रिपाठी प्रतापगढ़। प्रेम अंधा होता है यह कहावत उस समय चरितार्थ हुई जप…