….. लिअ ये सुंदरी सफरी सिंदूर, ताहि लए गौरी अराधू ये, मधुश्रावणीक पहिल दिन

अपनी सुहाग की अक्षुण्णता के लिए ससुराल में मधुश्रावणी पूजन कर रही है गुड़िया और जूही…