15 दिवसीय महारास मेला का बृहस्पतिवार की शाम को हुआ उद्घाटन।

15 दिवसीय महारास मेला का बृहस्पतिवार की शाम को हुआ उद्घाटन।
मनोरंजन के साथ जीवन शैली की जरुरत के सामाग्री का विशाल संग्रह।

दैनिक समाज जागरण फतेहुपर संवाद दाता विपुल गोस्वामी

फतेहपुर प्रखंड के फतेहपुर ग्राम पंचायत हटिया प्रांगण के समीप 15 दिवसीय महारास मेला का उद्धाटन विधि पूर्वक संयुक्त रूप से मुखिया के साथ गणमान्य व्यक्तियों की सहभागिता के सौजन्य से झारखंड प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री सत्यानन्द झा उर्फ बाटुल झा द्वारा फीता काटकर बृहस्पतिवार के शाम में किया गया।
इसके पूर्व ओपन मंच पर उद्घोष के रूप में अजय कपूर ने पूर्व में रास मेला का उद्घाटन आरंभ के समय को बताते हुए कहा कि 2006 से फतेहपुर की सरजमी में महारास मेला का एवं पूजा का आयोजन सभी के सहयोग से चलते आ रहा है। कालखंड में करुणा काल के समय कुछ व्यवधान घट गया था। जिसके चलते पूजा पाठ में ही सीमित रह गया था ।2022 में पूर्ण रूप से पूजा पाठ के साथ महारास मेला का आयोजन किया जाना तय है।स्थानीय लोगों के साथ आसपास क्षेत्र के लोगों के सहयोग से पूरा किया जाता रहा है।मनोरंजन भक्ति और जरूरत के सामग्री से प्रस्तुत महारास मेला अन्य मेला में से अन्यतम है।

पूर्व कृषि मंत्री शत्यानंद झा ने क्या-क्या मंतव्य रखें।

उन्होंने कहा कि फतेहपुर के 10 किलोमीटर कोरिडोर तक मेला का आनंद का उपभोग के साथ संसार के जरुरत की पूरी सामग्री उपलब्ध होता है। छोटे-छोटे बच्चे बच्चियो की खुशी उत्साह के साथ शारीरिक उपलब्धि का भी एहसास विभिन्न उपक्रमों द्वारा किया जाता है। इस मेला का खाशियत है कि सौहार्दपूर्ण वातावरण में फतेहपुर के साथ आसपास क्षेत्र के जनता ओं का सहभागिता के चलते किसी प्रकार अप्रिय घटना नहीं होती है। यह अपने आप में एक मिसाल है । वैदिक ग्रन्थों के जानकार का दृष्टिकोण से देखा जाए तो महारास जिसमें भगवान कृष्ण कन्हैया शरद पूर्णिमा में त्रेतायुग के सभी भक्तो की अभिलाषा को पूरा करने की सुनियोजित द्वापर युग की प्रस्तुति है।जिसमे प्रतिश्रुति पूर्ण करने के उद्देश्य से महारास किए थे। इसी का झलकियां मूर्ति के रूप में कलाकारों की कलाकृति के माध्यम से दर्शाया गया है।प्रत्येक गोपी के संग कृष्ण गोपाल की मूर्ति की प्रस्तुति के साथ। जैसे कि गोपाल की बाल


लीला के तहत गौमाता से दुग्धामृत पान करते हुए, गणेश की मूर्ति, नरसिंह अवतार, दुशासन द्वारा द्रौपदी का चीर हरण के साथ कृष्ण कन्हैया द्वारा द्रौपदी का लज्जा निवारण का दृश्य अनोखा है। दूरदराज के लोगों के समक्ष एक संदेश जाता है कि फतेहपुर की सरजमी में रास मेला का आनंद का उपभोग करना साथ ही जरूरतमंदों की सामग्री उचित मूल्य पर प्राप्त करना अलग पहचान में से एक हैं ।मौके पर आयोजक मंडली के सभी सदस्य फतेहपुर ग्राम पंचायत के प्रबुद्ध नागरिक गण जनप्रतिनिधि आदि