बड़वारा: कटनी जिले के बड़वारा थाना क्षेत्र में इन दिनों अवैध नशे का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। बड़वारा इलाके के गांव-गांव में खुलेआम अवैध शराब की बिक्री और नियम विरुद्ध शराब दुकानों का संचालन आबकारी विभाग एवं बड़वारा पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिया है।
हाल ही में बड़वारा थाना क्षेत्र के बसाडी ग्राम से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक युवक सड़क किनारे खुलेआम अवैध शराब की दुकान सजाकर शराब बेचता हुआ दिखाई दे रहा है। सूत्रों के अनुसार, यह अवैध नशे का व्यापार भारतीय जनता पार्टी के एक सक्रिय कार्यकर्ता मोनू श्रीवास द्वारा संचालित किया जा रहा है।
ग्रामीण अवध यादव ने बताया कि बड़वारा थाना क्षेत्र के अधिकांश गांवों में गली-गली में शराब माफियाओं द्वारा अवैध शराब की दुकानें संचालित हैं। अवैध शराब बिक्री के कारण क्षेत्र में तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हो रही है। कुछ दिन पूर्व, बड़वारा थाना क्षेत्र के भजिया ग्राम में स्थानीय ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए अवैध शराब से भरे एक वाहन को रोककर उसमें रखी शराब को नष्ट कर दिया था। इसके बावजूद, आबकारी विभाग और पुलिस की मिलीभगत से अवैध शराब का कारोबार क्षेत्र में बेखौफ होकर बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जिसके वजह से क्षेत्र की युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में आ रही है और क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं।
बड़वारा ग्राम में आस्था के केंद्र बने एक मंदिर के बिल्कुल समीप ही शासकीय शराब दुकान का संचालन कर दिया गया है। इस नियम विरुद्ध स्थान पर शराब दुकान खोले जाने का ग्रामीणों ने कई दिनों तक सड़क जाम करके विरोध किया था। ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से शराब दुकान के स्थानांतरण की मांग भी की थी, लेकिन ऐसा लगता है कि प्रशासनिक अमला ठेकेदार के दबाव में आकर नियम विरुद्ध दुकान संचालक का स्थानांतरण करने में विफल रहा है।
वहीं, विलायत कला ग्राम में राष्ट्रीय राजमार्ग 43 और राज्य मार्ग के ठीक बीचों-बीच एक और शराब दुकान का संचालन किया जा रहा है। इस खतरनाक स्थान पर शराब दुकान होने के कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने इस दुकान के स्थानांतरण की भी मांग की है, लेकिन उनकी इस जायज मांग को भी अनसुना कर दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह शराब दुकान सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रही है और यदि नियम विरुद्ध संचालित इस शराब दुकान का स्थानांतरण नहीं किया जाता है, तो प्रशासन को कड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा, ग्रामीणों द्वारा चक्का जाम कर शराब दुकान में तालाबंदी की जाएगी।