सैनिक के पुत्र जनार्दन केशव दुबे उठाया मामला
सदर संवाददाता अल्ताफ़ कादरी। समाज जागरण
सोनभद्र। द्वितीय विश्वयुद्ध के सैनिक स्व केदारनाथ दुबे के पुत्र को रिहंद कॉलोनी सिविल अनुरक्षण खंड के अधिशासी अभियंता वाई डी शर्मा ने नोटिस जारी कर आवंटित भूमि से अतिक्रमण हटाने व जुर्माना जमा करने को कहा था। बीते साल 24 फरवरी 2021 को अधिशासी अभियंता द्वारा नोटिस भेजकर अतिक्रमण हटाने व 1049400 रुपए पैनल रेंट जमा करने को कहा था। अधिशासी अभियंता की नोटिस मिलने के बाद सैनिक की 92 वर्षीय पत्नी सावित्री देवी के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा व उनकी तबीयत पांच से छह महीने तक अस्वस्थ रही और उनके दिमाग पर काफी सदमा पहुंचा। और तब वादी जनार्दन केशव दुबे द्वारा बीते साल रीस्टोरेशन दाखिल किया गया था। जिसके फल स्वरुप 10 दिसंबर 2021 को दुद्धी एसडीएम रमेश कुमार द्वारा केस को खारिज कर दिया गया।
जनार्दन केशव दुबे का कहना है कि यह प्लाट उनके पिता स्वर्गीय केदारनाथ दुबे की पत्नी सावित्री देवी के नाम 8 दिसंबर 1969 को सिंचाई विभाग पिपरी के द्वारा आवंटित किया गया था। सैनिक के पुत्र जनार्दन केशव दुबे का कहना है कि प्लाट आवंटित 8 दिसंबर 1969 को हुआ था और जिसका उन्होंने 2009 को 16835 रूपए बतौर किराए की धनराशि जमा की है। बावजूद इसके अवैध अतिक्रमण की रिपोर्ट बना कर विभाग द्वारा एक जनवरी 1999 से बनाकर 24 फरवरी 2020 को नोटिस जारी कर दी गई।
क्या कहना है इनका जनार्दन दुबे ने बताया कि 2006 में विभाग के अधिवक्ता नंदलाल द्वारा उनसे ₹6000 लिए थे और यह कहा था कि आप का तो अलॉटमेंट है और आप बेफिक्र होकर रहिए बाकी हम सब संभाल लेंगे।
जिस पर बीते दिनों एसडीएम रमेश कुमार द्वारा एकतरफा फैसला ले लिया गया और केस खारिज कर दिया गया। जनार्दन दुबे ने यह भी बताया कि बार-बार उनकी बातों को सुनते हुए भी विभाग और एसडीएम साहब द्वारा कोई भी उचित न्याय नहीं मिला। उनको ऐसा लगता है कि कोई साजिश वस या रंजिश वस हमको बेवजह परेशान किया जा रहा है।और उन्होंने बताया कि पूरे तुर्रा व पिपरी में अवैध रूप से व बिना अलॉटमेंट के 30,000 से अधिक लोग निवास कर रहे हैं जिस पर विभाग व एसडीएम रमेश कुमार द्वारा कोई उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है। भूमि आवंटित है यह शब्द कह कर कोर्ट में बोला गया था फिर भी एसडीएम साहब द्वारा सुना भी गया और उन्होंने कहा भी कि यह तो आपके साथ गलत हुआ है लेकिन फिर भी यह सुनकर भी उन्होंने कोई उचित कार्रवाई नहीं की। एक तरफा फैसला दे दिया। वादी का कहना है कि उनको बेवजह व रंजिश वश परेशान किया जा रहा है। जिसकी शिकायत उन्होंने सीएम पोर्टल पर भी की है।