पूर्णाहुति और भागवत कथा के सारांश और विशाल भंडारे के साथ समापन हुआ महायज्ञ , हजारों श्रद्धालुओं के साथ उमड़ा जन सैलाब, कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित रहे पार्षद पवन कुमार चीनी

विजय तिवारी
शहडोल । नगर पालिका परिषद धनपुरी के अमराडंडी पुरानी बस्ती मुख्य मार्ग पुरानी शिव मन्दिर पर चल रहें श्री मद भागवत कथा का नौ दिवसीय कार्यक्रम का पूर्णाहुति के साथ समापन हुआ। निश्चित रूप से एक छोटे से कार्यक्रम के रूप में प्रारंभ होने वाले श्री विष्णु संगीतमय कथा एक विशाल रूप अपने आप में बन गया, जहां पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु गण पहुंचने लगे और धर्म के कार्य पर लग गए ,भक्तों की भीड़ देखकर ऐसा लग रहा था जैसे यहां स्वयं प्रभु का वास हो गया हो,ऐसा नहीं है कि पहले इस तरह के कार्यक्रम यहां पर संपन्न नहीं हुए हैं लेकिन कहते हैं कि कभी-कभी प्रभु साक्षात अपना रूप दिखा जाते हैं ऐसा ही श्रद्धालुओं का जलजला उमड़ पड़ा यह कार्यक्रम अपने आप में विशाल और भव्य नजर आ रहा था जहां पर शासन -प्रशासन के द्वारा बैरिकेड लगाकर लोगों के आवागमन का भी विशेष रूप से ध्यान रखा गया वहीं क्षेत्र के अनगिनत श्रद्धालु कई प्रकार आर्थिक ,शारीरिक, मानसिक रूप से भागवत कथा से जुड़े रहे तो कई लोगों ने गुप्त दान देकर श्रद्धा दिखाई और प्रतिदिन भंडारे का वितरण भी होता रहा जिसे कथा वाचक पंडित श्री राघव कृष्ण महराज श्री धाम वृन्दावन के वाचनों के बाद वितरण किया जाता रहा और लोग दूसरे दिन की राह जोहकर पहले से तैयार खड़े मिलते थे।

भागवत कथा का सारांश और पूर्णाहुति के बखान-

वृंदावन से पधारे गुरु श्री राघव कृष्ण ने बताया कि भागवत कथा 7 दिनों तक चलता है और सप्ताह में 7 दिन भी होते हैं इसी तरह सब की मृत्यु भी किसी न किसी दिन होनी होती है चाहे वह सोमवार हो या बृहस्पतिवार कोई आठवां दिन अलग से तैयार नहीं होता है, और किस तरह राजा परीक्षित और पंडित सुखदेव जी महाराज के भागवत कथा को सुनते हुए राजा परीक्षित को मौत का नजारा भी उन्हे अमृत सा लगने लगा ईस तरह से भागवत कथा सुनने से साक्षात हरि के नाम में इतना रम गए की स्रपित मृत्यु तक्षक नागदेव के भय का नाम भी ना रहा, इसी प्रकार कथा वाचक श्री राघव महाराज ने बताया कि देवो के देव महादेव होते है शिव का आशीर्वाद जिसे प्राप्त होता है , वह अकाल मृत्यु को भी परास्त कर सकता है। गुरुजी ने उदाहरण देते हुए बताया कि मारकंडे को 12 साल की अल्पायु उम्र में मौत होने का स्रप था लेकिन शिव की भक्ति में लीन मारकंडे को साक्षात शिव ने यमराज के सामने आकर मौत के मुंह से किस तरह मारकंडे को जीवन प्रदान करते हैं इसकी विशाल लीला पंडित श्री कथावाचक के द्वारा बताया गया जिससे सभी श्रोतागण अभिभूत हो गए और साथ ही श्री विष्णु लक्ष्मी नारायण की अद्भुत कथाओं का विशाल प्रारूप बखान किया। श्री विष्णु,श्री कृष्णा, श्री राम तीनों एक हैं और हमें धरती सूर्य आसमान की विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए क्योंकि मृत्यु के समय आपके साथ यही जाएगा और यह शरीर हरि भक्ति में लीन रहने से कम से कम दुख मिलता है वही इंसान अगर बहुत परेशान है तो उसे हरि भक्ति में लीन होना चाहिए सभी दुखों का अंत विष्णु कथा में समा जाते हैं इस प्रकार हमें धर्म- कर्म के कार्य करते रहने चाहिए निश्चित रूप से यहां पर अद्भुत वाणी से लोगों को अभिभूत करने में कामयाब रहे और लोगों ने तन मन धन से गुरु का आशीर्वाद लिया और श्रीमद् भागवत कथा को सुनकर आंखों में खुशी के आंसू आने से भी स्राधालु नहीं रोक सके, वहीं श्री कथा वाचक जी का कहना था कि इस तरह के भागवत कथा होने से वातावरण शुद्ध होता है क्योंकि अग्नि की आहुति में जिन मंत्रो का उच्चारण के साथ स्वाहा किया जाता है उसमें साक्षात ईश्वर आहा बोलते हैं इसलिए ऐसे कृत्य होते रहने चाहिए ताकि वातावरण और पारिवारिक जीवन के सुख और दुख का धर्म के हिसाब से निवारण होता रहे और लोगों में सद्भावना बनी रहे।

दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालु-

पंडित श्री राघव कृष्णा महराज वृंदावन वाले महाराज के भक्तगण बहुत दूर-दूर से उनके दर्शन पाने को और कथा सुनने को पहुंचे कई ऐसे लोग थे जो छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले से आए थे वहीं शहडोल, बुढार, धनपुरी, अमलाई, उमरिया, कटनी, जबलपुर आदि स्थानों से भी सैकड़ो श्रद्धालुओं ने श्रीमद् भागवत कथा में आकर कथा सुना और गुरु के आशीर्वाद भी लिए वहीं क्षेत्रीय लोगों में धनपुरी नगर पालिका के पूर्व सीएमओ रवि करण त्रिपाठी एवं अमलाई नगर परिषद के पूर्व जनपद सदस्य वर्तमान पार्षद समाजसेवी पवन चीनी, संतोष टंडन आदि सैकड़ो लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया जिसमें प्रमुख रूप से पार्षद पवन चीनी तन मन धन से जुड़े रहे और कलश यात्रा से लेकर पूर्णाहुति और भंडारे तक गुरु के समक्ष बने रहे और व्यवस्थाओं का जायजा भी लेते रहे निश्चित रूप से ऐसे समाजसेवियों के कारण ही इस तरह धर्म के विकास के रास्ते खुलते हैं और आने वाले दिनों में भक्ति भावना भी जागृत होती है वही धनपुरी नगर पालिका के पूर्व सीएमओ रवी करण त्रिपाठी के सैकड़ो भक्तों ने अनेकों प्रकार से उक्त कथा में सहयोग प्रदान भी किया है जिससे एक छोटे से कथा की शुरुआत ने भव्यता का रूप ले लिया। पूरे कार्यक्रम के दौरान तन मन धन से पार्षद पवन कुमार चीनी लग रहे जिसके चलते कार्यक्रम पूर्ण रूप से सफल हो सका l