भैठोली माता मंदिर से लाखों के गहने चोरी के मामले में पुलिस के रवैए से गांव के लोग नाखुश बैठे धरने पर

समाज जागरण अतुल सोनी

चोलापुर थाना क्षेत्र के भैठोली ग्राम स्थित प्राचीन दुर्गा माता मंदिर से 5 अक्टूबर दिन शनिवार रात्रि चोरों ने मंदिर में पीछे के रास्ते से चैनल का ताला तोड़ प्रवेश कर माता के मूर्ति पर चढ़े हुए लाखों रुपए के सोने के गहने व पांच दानपात्र में रखे रुपए उठा ले गये। चोरी की उक्त घटना मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी में भी कैद हो गई जहां दो चोर कंबल की मदद से अपना शरीर व चेहरा ढकने का प्रयास करते हुए चोरी करते दिख रहे थे। जानकारी के अनुसार चोलापुर थाना क्षेत्र के भैठोली में दशकों पुराना दुर्गा माता का मंदिर है। रोज की भांति शनिवार रात्रि मंदिर के पुजारी कपाट बंद कर विश्राम हेतु चले गए।

रविवार भोर में पूजा हेतु पहुंचने पर मंदिर के दानपात्र इधर-उधर फेक हुए तथा मंदिर के चैनल का ताला टूटा हुआ देख पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पर पहुंचे थाना प्रभारी चोलापुर ईश्वर दयाल दुबे पहुचे अपनी टीम के साथ मामले की जांच में जुट गए मौके पर डॉग स्क्वायड भी कुछ सौ मीटर दूर पूर्व दिशा में जाकर रुका। सूचना मिलते ही एसीपी सारनाथ अतुल अंजान त्रिपाठी भी मौके पर पहुंचे। ग्राम प्रधान वरुण सिंह चोलापुर पुलिस को चोरी की तहरीर सौंपी। तहरीर के अनुसार चोरी गए गहनों में तीन चांदी का मुकुट, एक चांदी का छत्र, एक सोने का हार, एक सोने का मुकुट, सोने की नथिया तथा मंदिर में रखे पांच दानपात्र से लाखों रुपए नगदी समेत कुल 25 लाख रुपए से ऊपर की चोरी की तहरीर दी। थाना प्रभारी चोलापुर ईश्वर दयाल दुबे के अनुसार आरोपियों की गिरफ्तारी तथा चोरी गए सभी सामान को जल्द बरामद कर लिया जाएगा का आश्वासन दिया गया। वही पुलिस आनन फानन में गांव के ही एक बुजुर्ग को चोरों का सरगना बता एक LCD टीवी और कुछ रुपए के साथ जेल भेज दिया और चोरी गए मॉल आज तक बरामद न हो सका जिससे पुलिस के इस कृत्य से ग्रामीण नाखुश हो अनशन प्रदर्शन कर मंदिर प्रांगण में धरने पर बैठ गए और मांग करने लगे कि मंदिर से गायब हुए सभी समान का बरामदगी होना चाहिए उधर पुलिस को सूचना मिलते ही स्थानीय थानाध्यक्ष ईश्वर दयाल दूबे मौके पर पहुंच बाबा ध्रुव सिंह को धरना स्थल से उठा लाए थाने पर और दबाव बनाने लगे कि आप अनशन प्रदर्शन न करे जल्द चोरों को और सामान को पुलिस खोज कर आप लोगो के सम्मुख करेगी लेकिन शाम तक बाबा जी राजी नहीं थे।