सीमावर्ती क्षेत्र में अजातशत्रु अग्रवाल व उनकी टीम के द्वारा नेत्रदान के लिए जिस तरह अलख जगाया गया है वह काबिले तारीफ है:राज्यपाल

चेंबर ऑफ कॉमर्स के सभागार पटना में राष्ट्रीय अंगदान दिवस एवं राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित

मुख्य अतिथि के रूप में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, सिक्किम के पूर्व राज्यपाल व दधीचि देहदान समिति के अध्यक्ष गंगा प्रसाद, महासचिव पदमश्री विमल जैन ने शिरकत किया।

पटना ।

दधीचि देहदान समिति पटना के द्वारा चेंबर ऑफ कॉमर्स के सभागार पटना में राष्ट्रीय अंगदान दिवस एवं राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, सिक्किम के पूर्व राज्यपाल व दधीचि देहदान समिति के अध्यक्ष गंगा प्रसाद, महासचिव पदमश्री विमल जैन ने शिरकत किया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्वलन कर किया गया। पंचम राज्य स्तरीय सम्मेलन में पूरे बिहार से आए हुए दधीचि देहदान समिति के पदाधिकारी के अलावे अभी तक बिहार में हुए देहदान एवं नेत्रदान करने वाले परिवार के सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस मौके पर महामहिम राज्यपाल बिहार राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के द्वारा अररिया जिला के जिलाध्यक्ष अजातशत्रु अग्रवाल को सम्मानित करते हुए कहा की बूंद बूंद से घड़ा भरता है एवं सीमावर्ती क्षेत्र में जिस तरीके से अजातशत्रु अग्रवाल व उनकी टीम के द्वारा नेत्रदान के लिए अलख जगाया गया है वह काबिले तारीफ है। मध्य रात्रि में भी लोगों के सहयोग से संपर्क स्थापित कर नेत्रदान करवाने की जो प्रक्रिया श्री अग्रवाल ने अररिया जिला में चालू की है इसकी गूंज बिहार के अलग-अलग दिशा में भी जा रही है।

कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल ने अपने विस्तृत व्याख्यान में कहा कि उनका सम्मान करना जिन्होंने समाज को अपने परिवार के तरफ से अंगदान देहदान करके दिया है वह सूरज को दीपक दिखाने के बराबर है। उन्होंने कहा की समाज में जागरूकता एक इंसान भी चाहे तो बड़े पैमाने पर ला सकता है और इसका जीता जागता उदाहरण दधीचि देहदान समिति और इसमें कार्य कर रहे तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्ता है। देहदानी एवं नेत्रदानी परिवार के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए महामहिम राज्यपाल बिहार श्री आर्लेकर ने कहा आसान नहीं होता है अपनों के बिछोह हो जाने के बाद इस तरीके के कदम को उठाना और इस तरह के राह पर चलना परंतु जितने भी परिवार अभी तक इस राह पर चले हैं उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि सत्कर्मों पर चलना थोड़ा कठिन तो होता है लेकिन इसका दूरगामी परिणाम काफी सहज होता है। उन्होंने कहा कि तन समर्पित जीवन समर्पित और भी कुछ देने की चाह है मेरी। और यह जो चाह है वह यही है कि मरणोपरांत नेत्रदान या फिर देहदान कर सकूं ताकि मरणोपरांत भी आपके आपका शरीर आपका व्यक्तित्व लोगों के लिए प्रेरणादायक हो सके।

बतौर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने भी दधीचि देहदान समिति के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए यह उल्लेख किया की नेत्रदानी परिवार व देहदानी परिवार तो धन्यवाद के पात्र हैं ही साथ ही साथ नेत्रदान करने के उपरांत जिनको भी नेत्र का प्रत्यारोपण होगा और अगर उनकी सालाना आमदनी ढाई लाख रुपए से कम होगी तो उसका प्रत्यारोपण भी सरकार के द्वारा निशुल्क कराया जाएगा। बताते चलें कि पहले प्रत्यारोपण के दौरान लगभग 6 से ₹7000 का खर्च प्रत्यारोपण कराने वाले परिवार को वहन करना पड़ता था। जिला अध्यक्ष अजातशत्रु अग्रवाल ने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि अररिया जिला अब इस मुहिम को दूर-दूर तक ले जाने के लिए अपने आप को तैयार कर चुका है और इसमें अररिया जिला के बुजुर्गों के साथ-साथ युवाओं एवं महिलाओं का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में फारबिसगंज लाइंस अस्पताल को अगर मरणोपरांत नेत्र निकालने की सुविधा सरकार द्वारा प्रदान की जाती है तो फिर अररिया जिला में नेत्रदानी परिवार की संख्या में और भी बढ़ोतरी होने की असीम संभावनाएं हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि जिला पदाधिकारी अररिया इनायत खान के द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर नेत्रदानी परिवार को अररिया जिला मुख्यालय में सम्मानित किया गया था जो भी एक प्रेरणा एवं लोगों के अंदर जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभा रहा है।

मौके पर अररिया दधीचि डेडान समिति के संरक्षक व नेत्रदानी परिवार बच्छराज राखेचा, कमलेश अग्रवाल, संजय चिंडालिया, गणेश अग्रवाल, इंजीनियर आयुष अग्रवाल, अभिषेक भगत व अन्य लोगों ने अररिया जिला से इस कार्यक्रम में शिरकत की।