2 साल में इलाज में खर्च हो गए दो लाख से ज्यादा
सुनील बाजपेई
कानपुर। गरीबों के चलते कैंसर के इलाज में पैसों की बाधा ने एक युवक को अस्पताल में ही आत्महत्या करने को मजबूर कर दिया ।उसने वहीं के वार्ड में मां की साड़ी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। स्वरूप नगर पुलिस ने उसकी लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है।
परिजनों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अपने मुख कैंसर का इलाज करने के लिए वह उधार आदि लेकर 2 साल में लगभग ढाई लाख से ज्यादा खर्च कर चुका था और अब उसके पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे ,जिसकी वजह से ही वह आत्महत्या के रूप में असमय ही मौत को गले लगाने के लिए मजबूर हो गया। वह स्वरूप नगर थाना क्षेत्र के जीटी रोड स्थित राजकीय जेके कैंसर संस्थान में भर्ती था।
मिली जानकारी के मुताबिक कानपुर देहात के सिकंदरा निवासी राकेश कुमार (50) किसानी करते थे। परिवार में पत्नी किरन देवी, बेटा अंश कुमार, बेटी गौरी और मां माहादेवी रहती हैं। बेटे अंश ने बताया कि पिछले दो सालों से पिता का इलाज जेके कैंसर हॉस्पिटल में चल रहा था। उनको मुंह का कैंसर था। जिसका इलाज डॉ. अर्चना सिंह की देखरेख में चल रहा था।समय-समय पर कीमो चढ़वाने के लिए अस्पताल में आना पड़ता था। लेकिन इस बीच सबसे बड़ी समस्या आर्थिक तंगी थी मतलब उसके पास दवा और इलाज के लिएपर्याप्त पैसे नहीं थे। और यही वजह उसकी आत्महत्या का कारण बन गई। उसने बीती देर रात अपनी मां की साड़ी से अस्पताल की वार्ड में ही आत्महत्या कर ली, जिसके बाद उसके परिवार में कोहराम मचा हुआ है। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच भी की जा रही है।