सतपुड़ा टाईगर रिजर्व से ढाई साल पहले गायब हो गई थी ये बाघिन, अचानक आ गई सामने, किसी को नहीं हो रहा यकीन

बंधकर रहना किसी को रास नहीं आता. और फिर, जब बात जंगल के राजा या रानी की हो तो फिर मर्जी उसकी ही चलेगी. ऐसा ही कुछ मामला सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में देखने को मिला. यहां एक फीमेल टाइगर करीब ढाई साल बाद वापस अपने मुकाम पर आई है. दरसअल सतपुड़ा के जंगल से ढाई वर्षों की लापता बाघिन T-42 अचानक जंगल में वापस आ गई है. इस खबर से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन और वन्य जीव प्रेमी बहुत खुश हैं. बाघिन लौटने की खबर सुनते ही पार्क की पूरी टीम में खुशी की लहर दौड़ गई. एसटीआर प्रबंधन ने लापता बाघिन T-42 का वीडियो अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है.

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने वीडियो जारी करते हुए उसकी कहानी भी लिखी है. प्रबंधन ने लिखा है कि ढाई साल बाद लौटी लापता बाघिन T-42 को साल 2020 में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से सतपुड़ा पार्क लाया गया था. यहां उसने पर्यटन और गैर-पर्यटन दोनों क्षेत्रों को कवर करते हुए अपना क्षेत्र स्थापित किया था. वह पर्यटकों के साथ सहज थी और अक्सर उसे देखा जाता था. फिर 2021 की गर्मियों में वह अचानक बिना किसी सुराग के गायब हो गई.

लौट आई हमारी खुशी- कृष्णमूर्ति
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि पूरे पार्क में गश्त के दौरान उसका कोई निशान नही मिला. न ही वह पार्क में लगाए गए किसी कैमरे ट्रैप में दिखाई दी. इस साल 4 दिसंबर को पैदल गश्त करने वाली टीम ने अपने दौरे के दौरान बाघिन के गुर्राने की आवाज सुनी. उसके बाद वह अपने शिविर में चली गई. उसी दिन वनवासियों ने दोपहर बाद शिविर के पास गुर्राने की आवाज फिर से सुनी. वे गाड़ियां लेकर जांच करने चले गए

जब वनवासियों ने इस बाघिन को जंगल से बाहर उनकी ओर आते हुए देखा तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ. खुशी की बात यह रही कि बाघिन वास्तव में लापाता बाघिन टी-42 ही निकली जो अपने घर वापस आ गई थी. वह अपने पुराने क्षेत्र से लगभग 30 किलोमीटर दूर थी. एसटीआर प्रबंधन ने यह भी लिखा कि यह वास्तव में सभी वन्य जीव प्रेमियों के लिए खुशी की खबर है.