अखिलेश यादव से नाराज चल रहे यह दिग्गज नेता जल्द छोड़ेंगे सपा का साथ, इन पार्टियों के साथ चल रही बात

लोकसभा चुनाव से पहले उत्तरप्रदेश में सियासी उथल-पुथल का दौरा जारी है. अब सूत्रों के हवाले से समाजवादी पार्टी से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. जानकारी के अनुसार अखिलेश यादव से नाराज दिग्गज नेता रेवती रमण भी सपा को जल्द अलविदा कहने वाले हैं. सूत्रों के अनुसार रेवती रमण का परिवार पिछले कुछ दिनों से देश की दो बड़ी पार्टियों के संपर्क में है. एक जगह बात लगभग फाइनल भी हो चुकी है.

हालांकि अभी इस बात को लेकर पशो पेश है कि रेवती रमण को ज्यादा उचित सम्मान कहां मिलेगा और किसके साथ उनका सियासी भविष्य ज्यादा उज्जवल होगा. बता दें, कुंवर रेवती रमण सिंह आठ बार विधायक और तीन बार सांसद रहे हैं. रेवती रमण सिंह मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं. वह यूपी सरकार में कई बार मंत्री और समाजवादी पार्टी में महासचिव भी रहे हैं.

कुछ समय से नाराज चल रहे थे रमण सिंह

दरससल रेवती रमण सिंह और उनके पूर्व मंत्री बेटे उज्जवल रमण सिंह पार्टी में पिछले कुछ दिनों से खुद को अलग थलग महसूस कर रहे हैं. अखिलेश यादव ने पहले रेवती रमण सिंह को महासचिव पद से हटाया. उसके बाद राज्यसभा चुनाव में भी उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया. रही सही कसर अखिलेश यादव द्वारा इलाहाबाद लोकसभा सीट समझौते में कांग्रेस के लिए छोड़े जाने वाले फैसले ने पूरी कर दी थी. रेवती रमण सिंह लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद संसदीय सीट से अपने बेटे और यूपी सरकार के पूर्व मंत्री उज्जवल रमण सिंह को मैदान में उतरने की तैयारी में थे.

भूमिहार समुदाय से आते हैं रमण सिंह

बता दें, रेवती रमण सिंह भूमिहार समुदाय से आते हैं. इस वर्ग के वोटरों में पूर्वांचल से लेकर से लेकर बुंदेलखंड तक उनकी मजबूत पैठ मानी जाती है. वह प्रयागराज की करछना सीट से सात बार विधायक रहे हैं. 2004 के लोकसभा चुनाव में वह बीजेपी के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी को हराकर पहली बार सांसद बने थे. 2009 में वह लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए थे. 2014 में मोदी लहर में हारने के बाद मुलायम सिंह यादव ने उन्हें राज्यसभा भेजा था. उनका राज्यसभा का कार्यकाल करीब डेढ़ साल पहले खत्म हुआ है.