यूआर काॅलेज,रोसड़ा में दो द्विवसीय राष्ट्रीय मैथिली संगोष्ठी का शुभारंभ

उदयानाचार्य और संस्थापकों का आदमकद प्रतिमा का अनावरण शीघ्र – प्रधानाचार्य डॉ घनश्याम राय

रोसड़ा।

उदयनाचार्य रोसड़ा कॉलेज, रोसड़ा, समस्तीपुर एवं साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय स्तर की द्वि- दिवसीय मैथिली संगोष्ठी, कॉलेज के सभागार में 27 जुलाई को आगत अतिथिओ के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ की गई, जिसमें उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉक्टर घनश्याम राय के द्वारा किया गया ।सर्वप्रथम मंच पर मुख्य अतिथि डॉ चंद्रभानु प्रसाद सिंह, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर बैद्यनाथ झा बैजू, सिंडिकेट/सीनेट सदस्य, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा, डॉ फूलों पासवान, प्रधानाचार्य, आरसीएस कॉलेज, मझौल, डॉ संजय झा, आरबी कॉलेज, दलसिंहसराय आदि विशिष्ट अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई ।उद्घाटन भाषण में वक्ताओं ने अपनी अपनी बातें रखी मैथिली साहित्य पर स्वागत भाषण में राष्ट्रीय सहित अकादमी दिल्ली के अवर सचिव श्री देवेंद्र कुमार देवेश ने कहा कि साहित्य अकादमी भारत में 24 भाषाओं पर कार्य कर रही है। मैथिली को उत्तर बिहार या नेपाल के मध्य में ही सीमित नहीं रखकर भारत के कौन-कौन में पहुंचना भारत सहित भारतीय साहित्य अकादमी का यह उद्देश्य है। डॉ चंद्रभानु प्रसाद सिंह, संकायाध्यक्ष , मानविकी, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा ने अपने भाषण में कहा कि मैथिली जो हजारों वर्ष पूर्व उदयनाचार्य के दर्शन एवं आरसी बाबू सुरेंद्र प्रसाद सुरेंद्र झा सुमन एवं मारकंडे प्रवासी आदि कवियों के द्वारा जागृत की गई थी वह आज भी जीवंत है। प्राचार्य डॉक्टर घनश्याम राय ने महाविद्यालय में अपनी कम समय के सेवा में यह साहित्य अकादेमी के प्रथम प्रस्ताव को मानते हुए इस आयोजन के लिए प्रयास किया और आज यह आयोजन हो रहा है ।महाविद्यालय में विभिन्न प्रकार के विकासात्मक एवं छात्र हित के आयोजन एवं कार्यों को मूर्त रूप देने के लिए मैं कृत संकल्प हूं। आज के प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ शशी नाथ झा, पूर्व कुलपति, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के द्वारा किया गया । संपूर्ण कार्यक्रम प्रस्ताव के देखरेख डॉक्टर विनय कुमार शिक्षक डॉक्टर सौरभ कुमार झा एवं डॉ रोहित कुमार के द्वारा किया गया। आयोजन सचिव प्रवीण कुमार प्रभंजन के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। मंच संचालन डॉक्टर अमरेश कुमार सिंह के द्वारा किया गया स्वागत गीत एवं भगवती गीत हेतु इशा शिखा आशा भारती आदि छात्राओं ने डॉक्टर उमाशंकर प्रसाद जंतु विज्ञान विभाग के निर्देशन में प्रस्तुत किया