धनपुरी। जिले में भ्रष्टाचार को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले सहकारिता विभाग का आलम यह है कि जिस भी कर्मचारी के नाम के आगे भ्रष्टाचार की सुईयां घूम रहीं हैं जिले में बैठे विभाग के जिम्मेदार ऐसे कर्मचारियों को उपकृत करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ते ऐसा ही मामला जिले के धनपुरी लैंप्स से प्रकाश में आया है जहां के लैंप्स प्रबंधक समर बहादुर सिंह को सहकारिता विभाग में सहायक प्रबंधक के पद पर पद्दोनत किया गया है जबकि अगर लैंप्स प्रबंधक समर बहादुर सिंह के काले कारनामों की फेहरिस्त खंगाली जाए तो इनका भ्रष्टाचार प्याज के छिलकों के मानिंद खुलता जायेगा ।
तीस वर्षों से एक ही जगह सेवाएं दे रहा है समर बहादुर
धनपुरी का लैंप्स प्रबंधक समर बहादुर सिंह विगत तीस वर्षों से इसी लैंप्स में अपनी सेवाएं दे रहा है , सेल्समैन पद पर भर्ती होने वाले इस शख्स पर कभी भी जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ी, जबकि अगर नागरिक आपूर्ति विभाग के द्वारा इसके अभिलेखों की जांच की जाए तो भ्रष्टाचार की कई परतें खुलेंगी।
परिजनों को किया उपकृत
सेल्समैन पद पर रह चुके समर बहादुर सिंह उचित मूल्य की दुकानों के संचालन में होने वाले भ्रष्टाचार का स्वाद चख चुका है इसलिए उसने कहीं घोषित तो कहीं अघोषित तौर पर अपने परिजनों को कई दुकानों के संचालन का जिम्मा सौंप दिया , इसका सगा भाई आनंद बहादुर सिंह तीन दुकानों का संचालन कर रहा है , वहीं कुछ रिश्तेदार अघोषित रूप से दुकानों का संचालन कर रहे हैं जबकि अभिलेखों में वहां की दुकानों में विक्रेता के रूप में दूसरे नाम दर्ज हैं ।
भ्रष्टाचार की लंबी दास्तान
अगर लैंप्स प्रबंधक समर बहादुर सिंह के द्वारा अपने सेवाकाल में किए गए भ्रष्टाचार की दास्तान लिखी जाए तो निश्चय ही एक ग्रंथ तैयार हो सकता है , धनपुरी में पदस्थ सहकारी बैंक के तत्कालीन प्रबंधक सैयद महमूद के साथ मजदूरों की मजदूरी का 56 लाख का नगद आहरण निकासी पर्ची से किया गया था जिसकी शिकायत भोपाल स्तर तक की गई थी , जांच में लेनदेन कर उच्च स्तर के अधिकारियों के द्वारा मामले को शांत कर दिया गया था, लैंप्स धनपुरी में जितनी भी उचित मूल्य की दुकानें हैं उनमें अभिलेखों में दर्ज मात्रा और स्टॉक में रखे अनाज में भरी विसंगतियां हैं अगर खाद्य विभाग स्टॉक का भौतिक सत्यापन करे तो निश्चित रूप से भ्रष्टाचार सामने आ जाएगा, समर बहादुर के द्वारा सेल्समैनों से वेतन बढ़ोत्तरी के नाम पर 15 – 15 हजार की वसूली की गई , इसके द्वारा किसानों से ऋण वापसी में भी खयानात किया गया किसानों को जमा की गई रकम की फर्जी पावती दी गई किंतु रकम को बैंक में जमा नहीं किया गया जिसकी सूचना किसानों के द्वारा थाने में की गई थी मामला सामने आने के बाद कानून के भय से आनन – फानन में इसके द्वारा कुछ राशि बैंक में जमा की गई।
काले कारनामे में मिल रहा है अमृतलाल का साथ
ऐसा नहीं है कि समर बहादुर अपने कारनामों को अंजाम दे रहा है और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है ,उपयुक्त सहकारिता शहडोल के दफ्तर में बैठा ऑडिटर अमृतलाल गुप्ता लैंप्स धनपुरी के आय – व्यय का ऑडिट करता है , लैंप्स प्रबंधक समर बहादुर के साथ ऑडिटर अमृतलाल गुप्ता भी भ्रष्टाचार के इस खेल में शामिल है , यदि अमृतलाल गुप्ता के द्वारा विगत कई वर्षों से तैयार की जा रहीं बैलेंस शीटों की सूक्ष्मता से जांच की जाए तो और भी कई मामले सामने आएंगे ।
इनका कहना है
धनपुरी लैंप्स से संबंधित कुछ शिकायतें मिलीं हैं,कुछ प्रकरण एसडीएम कोर्ट में भेजे भी गए हैं , शिकायतों की जांच चुनाव उपरांत की जाएंगी और दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी
विपिन पटेल, जिला खाद्य अधिकारी, शहडोल
मेरी पदस्थापना अभी हाल में ही हुई है , कुछ शिकायतें समिति के कर्मचारियों से मिली है,जिसकी जांच की जाएगी
रंजना किशन , प्रशासक लैंप्स धनपुरी