पटना जिले में विशेष भू सर्वेक्षण कार्य का व्यापक रूप से हो रही बहिष्कार

समाज जागरण संवाददाता:- वेद प्रकाश पालीगंज अनुमंडल

पालीगंज/ बिहार में भूमि विवाद को लेकर ब्यापक रूप से हो रहे मारपिट व हत्याओं जैसी जघन्य अपराध एवं अपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि को लेकर राज्य सरकार काफी चिंतित नजर आ रही है। वही अपराधिक घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने विशेष भू- सर्वेक्षण कार्य की शुरूआते किया है। लेकिन किसानों के पास जरूरी दस्तावेज नहीं होने के कारण किसानों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लगभग 80 प्रतिशत वैसे किसान जिनके पास पुरखे पुरेनिया द्वारा वारिस के रूप में मिली पैतृक जमीन है जिसपर वर्षों से कब्जा कर खेती बारी करते आ रहे है। उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

क्योंकि उन किसानों के पास सैकड़ों वर्ष पुरानी दस्तावेज तथा कोई ठोस कागजात नहीं है। वैसे किसानों ने ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष भू -सर्वेक्षण कार्य का वयापक रूप से विरोध शुरू कर दिया हैं। जिले के कई इलाकों के लगभग दर्जनों पंचायतों में किसानों एवं वहा के ग्रामीणों द्वारा इसकी व्यापक और पुरजोर विरोध करते हुए इसके बहिष्कार करने शुरू कर दिया गया है। वहीं किसानों की हितों के रक्षा के लिए आगे आते हुए कई संगठनों ने भी किसानों के साथ खड़े होकर भू – सर्वेक्षण कार्य का व्यापक रूप से विरोध करते हुए किसानों को गोलबंदी करने शुरू कर दिया हैं। विरोध कर रहे किसानों एवं ग्रामीणों का कहना है कि पहले सरकार सभी जरूरी दस्तावेज को ठीक करे उसके बाद भू सर्वेक्षण कार्य शुरू करे। क्योंकि इससे किसानों को अपनी सभी जरूरी कागजात एवं दस्तावेज तैयार हो जाएगा । ज्ञात हो कि पटना जिले के दानापुर अनुमंडल अंतर्गत बिहटा व मनेर प्रखंड, पालीगंज अनुमंडल अंतर्गत बिक्रम, दुल्हिन बाजार और पालीगंज प्रखंड क्षेत्रो के किसानों ने आक्रोश ब्यक्त करते हुए इसके विरोध में आवाज उठाना शुरू कर दिया हैं। जिसमे सुंदरपुर कोठिया, आजमा, रामसहरी, कंचनपुर,,गोड़खड़ी, हरपुरा – महजपुरा, जनपारा व मेरा पतौना जैसे दर्जनों पंचायतों में भू सर्वेक्षण के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने गए टीम को ग्रामीणों का आक्रोश का सामना करना पड़ा।

ग्रामीणों ने सामुहिक रूप से विरोध कर भू सर्वेक्षण टीम को यह कहते हुए बेरंग वापस भेज दिया की पहले सरकार हमारे जमीन की जरूरी दस्तावेजो और अभिलेखो को ठीक कराए, गांव गांव में शिविर लगाकर दाखिल खारिज कराए, रशीद काटवाये और परिमार्जन कार्य दुरुस्त करवाये तब सर्वेक्षण कार्य शुरू करे। जबकि जैसे जैसे समय बीत रहे हैं इसके पुरजोर विरोध शुरू हो गए हैं। देखा देखी किसानों ने संगठित होने शुरू कर दिया है। जिसे देख ऐसा महसूस होने लगा है कि बड़े पैमाने पर भू सर्वेक्षण कार्य का विरोध किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर कई किसान संगठनों ने किसानों की हितों की रक्षा के लिए आगे आते हुए किसानों कि समर्थन में खड़े होते नजर आ रही है। जिसमे जन सुराज अभियान के तत्वधान में 15 सितंबर को पालीगंज स्थित जेपी आश्रम में किसानों आमसभा व बैठक आयोजित होनेवाली है। जिसकी जानकारी जन सुराज अभियान के पटना जिला संयोजक, समाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता सह प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. श्यामनंदन शर्मा ने दिया है।

जिसमे भारी संख्या में पटना जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों की भाग लेने की संभावनाएं हैं। जिसको सफल बनाने के लिए व्यापक रूप से तैयारी जन सुराज अभियान की ओर से कि जा रही है। वही जन सूरज अभियान के पटना जिला संयोजक डॉ. श्यामनंदन शर्मा ने बताया कि भू सर्वेक्षण कार्य को हम सबसे पहले स्वागत करते है लेकिन इसकी तस्वीरें पहले साफ हो, जिसमे किसानों की समस्यायों का सरकार पहले निदान करें इसके बाद भू सर्वेक्षण कार्य शुरू करे। राज्य सरकार सबसे पहले किसानों की सभी जरूरी अभिलेखों एवं दस्तावेजों को गांव गांव जाकर अधिकारियों की टीम भेजकर शिविर लगवाए तथा किसानों की जमीन की जरूरी कागजात जैसे दाखिल खारिज करवाए, रशीद कटवाने और परिमार्जन करने की कार्य को सुनिश्चित करवाए इसके बाद भू सर्वेक्षण कार्य शुरू करे।

इसका हम सभी स्वागत करेंगे क्योंकि किसानों के पास सभी दस्तावेज मौजूद नहीं है। किसी के पास दाखिल खारिज है तो रशीद नहीं कटे हुए हैं। किसी का परिमार्जन नहीं हुआ है। इसके लिए किसान प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाते लगाते थक गए हैं लेकिन भ्रष्ट तंत्र और भ्रष्ट पदाधिारियों एवं कर्मचारियों द्वारा कोई कार्य बिना चढ़ावे के किए ही नहीं जाते है। उपर से पैसे देने के बावजूद कोई गारंटी नहीं की आपकी कागजात बन जाएगा। डॉ. श्यामनंदन शर्मा ने कहा कि जन सुराज अभियान के तहत हमलोग किसानों की हितों की रक्षा के लिए आगे आते हुए एक बड़े पैमाने पर इसके विरोध में किसानों को जन जागरण अभियान के तहत जागृत करने के उद्देश्य से एक बड़ा किसान की आम सभा आगामी 15 सितम्बर को आयोजित किया जाएगा। जिसमे बड़े पैमाने पर हजारों की संख्या में किसानों की आने के लिए आमन्त्रित किया जा रहा है। उनकी समस्यायों पर गहन चिंतन एवं विचार विमर्श के बाद भू सर्वेक्षण कार्य का विरोध किया जाएगा। सरकार पहले किसानों के सभी जरूरी दस्तावेजों को दुरुस्त करे इसके बाद भू सर्वेक्षण कार्य शुरू करे।


जबकि किसान नेता, राजनीतिक एवं समाजिक कार्यकर्ता शिवेंद्रधारी सिंह, नवल शर्मा, अशोक शर्मा डॉ राजकिशोर सिंह, उमेश सिंह, जैसे दर्जनों समाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्तओं ने भू सर्वेक्षण कार्य का विरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकार सबसे पहले किसानों की जमीन की जरूरी अभिलेखों एवं दस्तावेजों को गांव गांव में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीम भेज कर शिविर लगाकर ठीक करवाने की कार्य करे इसके बाद भू सर्वेक्षण कार्य शुरू करे। ताकि किसानों को इससे फायदा हो सके। बैगैर इसके कोई फायदा नहीं होने वाले है उल्टे इससे और विवाद सुलझने के बजाय उलझने शुरू हो जाएगा।

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