संविधान दिवस पर कानून हुआ तार-तार ,महादलित परिवार व जनता पर पुलिसिया धौंस, कानून की उड़ी धज्जियां।

अपनी गलती पर पर्दा डालने के लिए सीओ एवं थानाध्यक्ष द्वारा महादलित लोगों पर हो रहा है अत्याचार व दमन की कार्रवाई ।

स्थल जांच किए बगैर ही सीओ ने दिया है एनोसी – जनता।

दैनिक समाज जागरण, अनिल कुमार मिश्र, ब्यूरो चीफ औरंगाबाद (बिहार )
औरंगाबाद (बिहार) 26 नवंबर 2022 :- औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा थाना क्षेत्र अंतर्गत पोला टोला छक्कनबाग गांव में कब्रिस्तान घेराबंदी कार्य विवादास्पद रुप ले लिया है। ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार को लगाए जाने वाले जनता दरबार में मामले का निष्पादन करने के लिए अंचलाधिकारी के द्वारा कुटुंबा थाना में बुलाया गया था। जब हमलोग वहां पहुंचें तो थाना प्रभारी बलवंत सिंह एवं हल्का कर्मचारी ललन जी ने जबरन रजिस्टर एवं आवेदन पर हस्ताक्षर करवा लिया। उन्होंने बताया कि थाना प्रभारी ने पुलिसिया धौंस दिखाते हुए हाजत में बंद करने की धमकी दी और धक्के देकर थाना परिसर से बाहर निकाल दिया। थानाध्यक्ष के द्वारा मारपीट करने की धमकी दी गई। जबकि हम अपने अधिकार की मांग कर कर रहे थे। विदित हो कि सीओ अभय कुमार ने स्थल का मुआयना कर शनिवार को जनता दरबार में बुलाया था। इस बीच कब्रिस्तान घेराबंदी कार्य बंद रखने की हिदायत थी परंतु निर्माण कार्य किया जा रहा था। ग्रामीण मनोज राजवंशी बताते हैं कि मुस्लिम समुदाय के पास कब्रिस्तान के जमीन का कागजात नहीं है। सीओ अभय कुमार ने स्थल जांच किए बगैर एनओसी दे दिया है। अपनी गलती पर पर्दा डालने के लिए सीओ एवं थानाध्यक्ष द्वारा महादलित लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है। उनकी कार्यप्रणाली निष्पक्ष नहीं है। हम लोग मामले के निष्पादन के लिए जिलाधिकारी के पास जाएंगे। जब तक मामले का निष्पादन नहीं हो जाता कब्रिस्तान घेराबंदी कार्य रुकवा दिया जाए। उन्होंने कहा कि सीओ का ऐन वक्त पर अवकाश ले लेना संदेहास्पद लगता है। उच्चस्तरीय अधिकारियों के द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
उपरोक्त आशय की जानकारीदेते हुए मिथलेश कुमार ने दैनिक समाज जागरण को बताया कि कुटुंबा सीओ अभय कुमार अपनी गलतियों को छुपाने के लिए थाने के सहयोग से महादलित परिवार एवं लाभान्वित जनता पर अत्याचार कर रहे हैं जिसकी निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई जनहित में अपेक्षित है।