पहली बारिश में सकला रजवाहा फॉल पर बना 25 इंच दीवाल हुआ ज़मींदोज़

दैनिक समाज जागरण प्रतिनिधि काराकाट रोहतास

सकला रजवाहा के गोड़ारी में अंग्रेजों के जमाने का बना फॉल एक साल पहले तोड़ दिया गया था। जिससे सैकडों एकड़ खेतिहर जमीन का पटवन से वंचित हो गया था। फिर उसी गोड़ारी स्थित तोड़ा गया फॉल को अस्थाई रूप से किसान दिवाल का निर्माण कराया गया, ताकि पानी का कुछ रुकावट हो सके। कुछ दिन पहले किसानों ने कुछ पल के लिए राहत की सांस तो ली लेकिन किसने की परेशानी मानो जैसे रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आज मंगलवार दिन तेज रफ्तार की 2 घंटे की वर्षा ने दूसरी तरफ का 25 इंच की दीवाल को जमींदोज कर दिया। एक बार फिर से पूर्व पटवन समस्या गोड़ारी,बुढ़वल,देनरी, कंचनटोला,तेनुआ,कायस्थ बहुआरा सहित क्षेत्र के दर्जनों गांवों के किसानों के सामने आई थी इस वर्ष भी वही समस्या सामने आकर खड़ी हो गई है सकला रजवाहा में अंग्रेजों के जमाने का बना गोड़ारी में फॉल एक वर्ष पूर्व सिचाईं विभाग के एसडीओ ने बिना सोचे समझे जेसीबी से तोड़ दिया गया था। फॉल तोड़े जाने के बाद गोड़ारी गांव के आस- पास दर्जनों गांवों के किसानों की भूमि पटवन से वंचित हो गये थे। फॉल तोड़े जाने के बाद भारी बवाल हुआ था। किसानों ने सड़क जाम कर फॉल बनाने की मांग किया था। काराकाट बीडीओ ने वरीय अधिकारियों से बात कर किसानों को आश्वासन दिया था कि खरीफ व रबी फसल कट जाने के बाद रजवाहा सुख जाने पर फॉल का पुनः निर्माण कराया जाएगा। लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद फॉल का निर्माण नहीं किया गया। विभागीय उदासीनता को देखते हुये किसान स्वंय खर्च से अस्थाई रूप से पानी के रोक के लिए एक दिवाल बनाया ताकि पटवन की सुविधा मिल सके। किंतु यह भी गवारा नहीं किसानों को माने तो फिर से फॉल टूट जाने कि समस्या इस कनाल विभाग के एसडीओ का ही है। जिसने एक साल पूर्व किसानों को सैकडों एकड़ खेतिहर जमीन का पटवन से वंचित रखने प्रयास में सफलतापूर्वक फॉल पर दोनों तरफ लगे दीवाल को तोड़ कर जमींदोज किया। पहली वर्षा में फॉल टूट जाने से किसानों ने कनाल विभाग के एसडीओ पर क्रोध करते हुए कहा कि सकला राजवाहा पर इस फॉल का महत्व को एसडीओ द्वारा नही समझा गया था। कहा कि गोड़ारी मौजा में चार सौ एकड़, बुढ़वल मौजा में तीन सौ एकड़,देनरी मौजा तीन सौ एकड़, कंचन टोला में डेढ़ सौ एकड़,कायस्थ बहुआरा मौजा में एक सौ,तेनुआ मौजा में 75 एकड़ के करीब खेत पटवन से वंचित होते रहेंगे। गोड़ारी गांव के ऊपरी भाग में जो सिंचिंत भूमि थी फॉल तोड़े जाने से असिंचित हो गई है। किसान सतनारायण तिवारी, अनत तिवारी,प्रभु नारायण उपाध्याय, लालबिहारी तिवारी,वकील मियां, महमजान मियां,मुस्तकीम अंसारी, रामकिशोर ठाकुर, कर्पूरी ठाकुर आदि थे।