एक हफ्ते से गायब था 84 साल का मालिक, बचाव दल को नहीं मिल रहा था सुराग, पालतू कुत्ते की वजह से ऐसे बची जान

कहते हैं कि कुत्ते इंसान के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं. वो अपने मालिक के प्रति जितने फवादार होते हैं, उतना शायद ही कोई दूसरा जीव होता है. इंसान भी कुत्तों को उतना नहीं प्यार दे पाते जितना वो अपने मालिक को दे देते हैं. ऐसे में अगर उनके ओनर पर कोई खतरा भी आए तो वो उसे भी अपने सिर पर ले लेते हैं. हाल ही में एक पालतू कुत्ते की वजह से उसके मालिक की जान बच गई जो 7 दिन (dog saved missing owner) से लापता था. इस खबर को जानकर आपको एक बार फिर ये यकीन हो जाएगा कि जानवर का प्यार सबसे ऊपर होता है.

ऑडिटी सेंट्रल न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार कुछ दिनों पहले मेक्सिको में एक ऐसी घटना घटी जिसने सभी को चौंका दिया. 84 साल के ग्रेगोरियो रोमेरो (Gregorio Romero), सोनोरा (Sonora, Mexico) राज्य में रहते हैं. उनके पास एक पालतू कुत्ता (Pet dog lead rescuer to lost owner) है जिसका नाम है एल पालोमो (El Palomo). पिछले साल 27 नवंबर को ग्रेगोरियो अपने घर से टहलने के लिए निकले पर घर नहीं लौटे. पहले तो उनका परिवार चिंतित नहीं हुआ क्योंकि वो अक्सर ऐसे ही निकल जाते थे और पास के गांव घूमकर 1-2 दिन में लौट आते थे. पर इस बार जब 4 दिन हो गए तो उनकी भतीजी रमोना ने पुलिस में रिपोर्ट लिखवा दी.

काफी खोजबीन के बाद भी नहीं मिला सुराग
उन्होंने शख्स के घर के पास खोजबीन की मगर उन्हें वहां शख्स का कोई सुराग नहीं मिला. तब उसका पालतू कुत्ता मदद के लिए आया और उसने शख्स की जान बचाई. शख्स की खोजबीन के लिए मेक्सिकन नेशनल गार्ड, म्युनिसिपल पुलिस, म्युनिसिपल सिविल प्रोटेक्शन यूनिट, और स्नाइपर कुत्ते भी लेकर आए गए थे जो घर के आसपास खोज रहे थे पर उन्हें कुछ नहीं पता चला. तब जाकर शख्स के कुत्ते एल पालोमो ने मदद की.

कुत्ते ने बचाव दल को पहुंचाया शख्स के पास
वो बचाव दल को अपने साथ पहाड़ों पर और खाई की ओर ले गया जहां शख्स भटक गया था. वहां शख्स रेगिस्तान में चला गया था और रास्ता भूल गया था. भतीजी ने बताया कि शख्स को भूलने की बीमारी थी जिसकी वजह से वो घर का रास्ता भूल जाता था. कुत्ता सूंघते-सूंघते शख्स के पास पहुंच गया और फिर बचाव दल ने तुरंत ही व्यक्ति को अस्पताल में एडमिट करवाया जो प्यास से तड़प रहा था. जब तक शख्स अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं हो गया, तब तक कुत्ता अस्पताल के गेट के बाहर ही बैठा रहा.