समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश
पटना/ राजीवनगर स्थित गांधीनगर इलाके में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता रूपेश कुमार ने आत्महत्या कर ली। इस घटना से न केवल उनका परिवार बल्कि पूरा कानूनी जगत भी स्तब्ध है। पुलिस को मृतक के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने मानसिक तनाव को अपनी आत्महत्या का कारण बताया है। रूपेश कुमार अपने अपार्टमेंट में अपनी मां और बहन के साथ रह रहे थे। शुक्रवार देर रात को जब वह अपने कमरे से काफी देर तक बाहर नहीं आए तो उनकी मां और बहन को चिंता हुई। उन्होंने दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। जब दरवाजा नहीं खुला, तो उन्होंने आसपास के लोगों को इसकी जानकारी दी। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। राजीवनगर थाना पुलिस फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) टीम के साथ मौके पर पहुंची और दरवाजे को तोड़ा। अंदर का दृश्य बेहद दर्दनाक था—रूपेश कुमार फंदे से लटके हुए थे। कमरे की तलाशी लेने पर पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने लिखा था कि वह लंबे समय से मानसिक तनाव से गुजर रहे थे और अब इसे सहन करना उनके लिए संभव नहीं था। उन्होंने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि उनकी मौत के लिए कोई और जिम्मेदार नहीं है। पुलिस जांच में यह पता चला कि रूपेश कुमार की शादी 2022 में हुई थी, लेकिन शादी के कुछ ही महीनों बाद पति-पत्नी के बीच विवाद शुरू हो गया था। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि दोनों अलग-अलग रहने लगे। पारिवारिक विवाद के कारण रूपेश मानसिक तनाव में रहने लगे, जिसका असर उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी पर भी पड़ रहा था। रूपेश की मां और बहन कुछ दिन पहले ही उनके साथ रहने के लिए आई थीं, लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं था कि वह इस हद तक परेशान हैं कि आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठा लेंगे। पुलिस ने उनके मोबाइल फोन और सुसाइड नोट को जब्त कर लिया है और मामले की गहन जांच कर रही है। इस घटना ने एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य की गंभीरता को उजागर किया है। डिप्रेशन और मानसिक तनाव व्यक्ति को आत्महत्या जैसे कठोर निर्णय लेने के लिए मजबूर कर सकते हैं। खासकर जब व्यक्तिगत जीवन में समस्याएं होती हैं, तो मानसिक संतुलन बनाए रखना कठिन हो जाता है। आज के दौर में मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात करना और समय रहते सहायता प्राप्त करना बेहद जरूरी है। परिवार और दोस्तों को चाहिए कि वे अपने करीबी लोगों की भावनात्मक स्थिति पर ध्यान दें और यदि कोई मानसिक तनाव में हो, तो उसे उचित सलाह और सहयोग दें। रूपेश कुमार की आत्महत्या एक दुखद घटना है, जो यह दर्शाती है कि मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन यह भी जरूरी है कि समाज मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से ले और जरूरतमंदों को भावनात्मक सहयोग प्रदान करे।