माता बच्चों के ममता,स्नेह ,संस्कार की प्रथम पाठशाला ,वहीं विद्यालय तराशने की मन्दिर।

समाज जागरण अनिल कुमार
हरहुआ वाराणसी। माता बच्चों की ममता,स्नेह,संस्कार की प्रथम पाठशाला ,वहीं विद्यालय तराशने की विद्या मन्दिर के रूप में कार्य करते हुए भारतीय संस्कृति और राष्ट्र में प्रतिभा निखार कर समाज को संवारने के कार्य करती हैं।
उक्त बातें एस0 आर0 प्लेटिनम इंग्लिश स्कूल हरहुआ सभागार में ‘मातृ दिवस’ कार्यक्रम में २०० माताओं को सम्मानित करते हुए विद्यालय के प्रबंध निदेशक कौशलेंद नारायण सिंह ने अपने सम्बोधन में व्यक्त किया।
माताओं के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि आज, हम उन अद्भुत महिलाओं का सम्मान कर उनके अटूट प्यार और समर्थन को नमन करते हैं ।उन सभी माताओं, दादी और मातृसत्तात्मक महिलाओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
डॉ0 एस0डी0 सिंह ने कहा कि मातृ शक्ति का मार्गदर्शन , अथक प्रयास एवं प्रभाव स्कूली कक्षा से परे है।आप सब की निष्ठा, धैर्य और दयालुता सराहनीय है जो छात्रों के उन्नति,फलने-फूलने के लिए प्रेरित करती है।
प्रिंसिपल आर0पी0 सिंह ने कहा कि इस विशेष दिवस पर हम सभी आपके प्यार, देखभाल और त्याग का जश्न मनाते हैं। इस विद्यालय परिवार के अभिन्न अंग बनने के लिए धन्यवाद देकर कृतार्थ हो रहे हैं।
इस अवसर पर नन्हे मुन्ने छात्रों का विविध
सामाजिक,प्रेरक प्रसंग,मनोहर कहानियों पर आधारित झांकी मंचन प्रदर्शन सराहनीय रहा।
प्रधानाध्यापिका डॉ0 कुमुद सिंह ने कहा कि माताएं बच्चों की प्रथम पाठशाला है, वे ही समाजीकरण के साथ संस्कार व संस्कृति सिखाती है।
धन्यवाद ज्ञापित प्रधानाध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय चक्का डॉ0 सीमा सिंह ने करते हुए सभी का स्वागत व सम्मान किया ।
मातृ दिवस पर स्थानीय 200 माताओं को अंगवस्त्रम से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से जागृति सिंह, सपना यादव, आरती मिश्रा ,नेहा सिंह तथा निधि द्वारा विशेष सहयोग प्रदान किया गया।

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