चीन ने डिफेंस बजट में 7.2 प्रतिशत का इजाफा किया है. इस साल चीन का रक्षा बजट 230 बिलियन डॉलर से ज्यादा का है. भारत के मुकाबले चीन का रक्षा बजट लगभग तीन गुना बड़ा है. भारत ने 2024-25 के अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र को 75 बिलियन डॉलर आवंटित किए हैं. आर्थिक मोर्चे पर सुस्ती के बावजूद चीन ने डिफेंस पर खर्च बढ़ाया है तो उसकी वजह है. एक तरफ, उसे अपनी सेना को तेजी से आधुनिक बनाना है. दूसरी ओर, चीन को अमेरिका से भी निपटना है. पिछले साल डिफेंस को 877 बिलियन डॉलर देने वाले अमेरिका ने हिंद-प्रशांत में चीन का सिरदर्द बढ़ाया है.
ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन की तनातनी जगजाहिर है. हिंद-प्रशांत में चीन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है QUAD जिसमें अमेरिका भी शामिल है. अमेरिकी संसद ने हाल ही में QUAD को मजबूती देने वाला बिल पास किया. QUAD की ताकत से घबरा कर ही चीन ने पहले पाकिस्तान को बरगलाया और अब मालदीव को लपेटे में लिया है. QUAD का डर ही है जो चीन को आर्थिक चुनौतियों के बावजूद डिफेंस पर खर्च बढ़ाने के लिए मजबूर कर रहा है
चीन के साथ दिक्कत यह है कि वह जितना बताता है, उससे कहीं ज्यादा छिपाता है. विशेषज्ञों को उसके आधिकारिक आंकड़ों पर भरोसा नहीं. वे मानते हैं कि चीन का असल सैन्य खर्च डिफेंस बजट से कहीं ज्यादा है