शिक्षा के साथ साथ संस्कार भी दे रहे हैं निजी विद्यालय।

मिंटू कुमार
संवादाता सदर प्रखंड।

शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी दे रहे हैं निजी विद्यालय-शिक्षा का अलख जगा रहे हैं यू डाइस प्राप्त निजी विद्यालय- ऐसे विद्यालय सीमित संसाधन में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहे हैं। कम खर्चे में अच्छी शिक्षा देना इनका उद्देश्य है। पढ़ाई के साथ-साथ संस्कार भी सिखाया जाता है। उक्त बातें झारखंड प्राइवेट स्कूल संगठन हजारीबाग के जिला सचिव प्रभु दयाल कुशवाहा ने कहीं। कहा हम सरकार से हमेशा से मांग करते रहे हैं की शिक्षा बजट में ऐसे स्कूलों के बच्चों और शिक्षकों के लिए अलग से शिक्षा बजट तैयार करें और इनको सहूलियत दें तो झारखंड का शिक्षा का स्तर और बेहतर होगा। मालूम हो कि 2019 ईस्वी में उस समय की रघुवर सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम में सिर्फ झारखंड राज्य में संशोधन करते हुए यहां के नियम में फेर बदल कर दी थी । अधिनियम को कठोर बना दिया। जबकि भारत देश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम कानून में कोई परिवर्तन नहीं हुई। ऐसा छोटे स्कूलों को बंद करके बड़े -बड़े स्कूलों को लाभ पहुंचाने के लिए यह नियम लाया गया था। शिक्षा अधिकार अधिनियम केंद्र सरकार का जो नियम है उसका हम समर्थन करते हैं और वर्तमान झारखंड सरकार से कहते हैं की फिर से संशोधन करते हुए भारत सरकार के शिक्षा के अधिकार अधिनियम को पुनः लागू करें।