मुगलकालीन इमारतों को देखने के अलावा नये आकर्षण हों शामिल

आगरा। आज होटल अम्बा इन में हुई प्रेस वार्ता में –
आगरा महानगर में पर्यटकों के लिये अतिरिक्त आकर्षण बढ़ाने की कोशिशों के उपयुक्त ‘ताजमहल से इतर आगरा’ के आकर्षणों के प्रचार प्रसार नीति के अनुकूल आगरा के मेट्रो स्टेशनों पर आगरा के कवियों, शायरों, संस्कृति आदि से संबंधित साहित्य एवं स्मृति चिन्हों की सहज उपलब्धता के लिए सोविनियर शापें /कियोस्क खोले जाने का अनुरोध किया गया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव उ प्र पर्यटन विभाग एवं उ प्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन को अमृत विद्या एजुकेशन फार इम्मोर्टालिटी सोसायटी ने एक पत्र लिखे हैं। आगरा पर्यटन प्रधान महानगर है, जैसा कि सर्वविदित है कि महानगर निवासियों में से बड़ी संख्या में इसी पर पर जीवन चर्या निर्भर है। अधिक से अधिक संख्या में पर्यटक आयें और उनके आने के कारणों में मुगलकालीन इमारतों को देखने के अलावा नये आकर्षण शामिल हों। इसके लिए सरकारी विभाग, नागरिक संगठन, पर्यटन व्यवसायी पर्यटन भी प्रयासरत रहते हैं। उनके द्वारा इसके लिए ‘ताजमहल से इतर आगरा’ अभियान के रूप में प्रचारित अभियान भी अपने अपने स्तर पर चलाया जाता रहा है। जो कि अपरोक्ष रूप से उ प्र पर्यटन विभाग की नीतियों के भी अनुरूप है। आगरा की साहित्यकारों की नगरी के रूप में भी पहचान है, लेकिन महानगर की इस विशिष्टता के बारे में बाहर से आने वाले पर्यटक तो क्या स्थानीय नागरिक भी कम ही जानते हैं। इसका कारण साहित्यिक क्षेत्र की गतिविधियों और उपलब्धियों का कम प्रचार होना भी है।जबकि साहित्यिक विशिष्टता अपने आप में सुरुचि पूर्ण पर्यटन का विश्व भर में स्थापित कारण है।

सिविल सोसायटी का मानना है कि आगरा की साहित्यिक विशिष्टता कम ही प्रचार हुआ है। फलस्वरूप महानगर के साहित्यिक पक्ष के भी उपयुक्त प्रचार की जरूरत है। उ. प्र. मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा आगरा में संचालित मेट्रो रेल सेवा यह कमी दूर करने में अपना योगदान दे सकती है। जब से मेट्रो रेल सेवा का संचालन शुरू हुआ है, देशी-विदेशी पर्यटकों के द्वारा बड़ी संख्या में इसका उपयोग किया जाना शुरू हो चुका है। मेट्रो संचालन के आरंभिक चरण ताजमहल ईस्ट गेट ,बसई फतेहाबाद रोड, आगरा फोर्ट और मनकामेश्वर आदि सभी स्टेशन एवं रूट पर्यटन प्रधान क्षेत्र में ही हैं। आइए हम सभी मिलकर इस पहल का समर्थन करें और आगरा को केवल एक पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि एक समृद्ध सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी स्थापित करने में मदद करें। अमृत विद्या एजुकेशन फार इम्मोर्टालिटी सोसायटी का मानना है कि आगरा मेट्रो रेल सेवा के द्वारा भी अगर इसे सामाजिक सरोकारों की अपनी पहल के रूप में स्वीकारा जाता है, तो आगरा के पर्यटन में तो सुझाव एवं अनुरोध पर उदारता से विचार करने का अनुरोध है। आज की वार्ता में राजीव खंडेलवाल, आत्मीय इरम, विनय अम्बा, राजीव सक्सेना, अनिल शर्मा, असलम सलीमी, कांति नेगी आदि मौजूद रहे।

प्रमोद कुशवाह कि रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *