उत्तर प्रदेश सरकार से “मांगो आम तो मिलते है ईमली”

समाज जागरण डेस्क नोएडा ।। एक बड़ी कहावत है “मांगो आम तो मिलते है ईमली” कुछ ऐसा ही चरितार्थ आजकल नोएडा प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश सरकार की है। एक आईजीआरएस के तहत यूपी सरकार से सार्वजनिक जगहों के बारे मे जानकारी मांगी गयी थी तो नोएडा प्राधिकरण ने अतिक्रमण को रोस्टर के तहत हटाने की बात कही है।

बताते चले कि एक आईजीआरएस संख्या 60000230183062 के तहत जानकारी चाही गयी कि आखिर यूपी सरकार किसे सार्वजनिक स्थल मानती है और किसे नही। नोएडा सोमबाजार के उदाहरण देते हुए प्रार्थी ने लिखा था कि आखिर जिस बाजार मे नित्य हजारों के संख्या मे लोग आते है उसे प्रदेश के योगी सरकारी सार्वजनिक नही मानती है और उसी बाजार मे देशी और विदेशी दोनों ही शराब के ठेके है क्योंकि सरकार को पैसे चाहिए। इसके अलावा नोएडा सेक्टर 43 स्ट्रैलर ग्रीन पार्क के नाम भी दिए गए थे जो दो बड़ी आबादी वाले गाँव के बीच मे एक पार्क होने के कारण बड़ी संख्या मे लोग सुबह शाम योगाभ्यास तथा कसरत करने आते है। लेकिन पार्क के चारों तरफ बीड़ी सिगरेट गुटखा के दुकान अवैध रूप से लगे हुए है। या कहे तो प्राधिकरण और पुलिस के मर्जी से है। क्या इन दोनों जगहों को उत्तर प्रदेश सरकार सार्वजनिक स्थल नही मानती है अगर मानती है तो फिर भऱे बाजार मे शराब का ठेका और पार्क के मुख्य गेट से लेकर चारो तरफ पान बीड़ी गुटखा का दुकान का औचित्य क्या है ?

इसके जबाब मे नोएडा प्राधिकरण ने

इस सम्बन्ध में अवगत कराना है कि शराब के ठेके की अनुमति जिला प्रशासन स्तर पर दी जाती है एवं उक्त मार्ग पर खड़े अवैध वेंडरों को वर्क सर्किल 3 के रोस्टर के अनुसार प्रत्येक सप्ताह अतिक्रमण उन्मूलन की कार्यवाही के दौरान हटाने की कार्यवाही की जाती रहती है।

नोएडा प्राधिकरण और उसके रोस्टर

नोएडा प्राधिकरण और रोस्टर से होने वाली कार्यवाही के लिए कोई वेंडर इंतजार तो करेगा नही। दूसरी बात किसी भी कार्यवाही होने से पहले ही नोएडा प्राधिकरण के ही स्टाफ उन्हे सूचित कर देते है बदले मे उनको मेहनताना मिलते है। नोएडा सेक्टर 42 शनि मंदिर के पास बीच सड़क पर 5 बजे के बाद मे फलों के अवैध मंडी लगते है जिसके कारण सड़क जाम रहती है और सेक्टर 46 के तरफ मुड़ने वाली गाड़ियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नोएडा थाना सेक्टर 39 की दूरी मात्र दो किलोमीटर है और यही पर प्राधिकरण के ऑफिस भी है। नोएडा सेक्टर 45 की चौकी यहाँ से मात्र 300 मीटर की दूरी पर है, नोएडा सेक्टर 49 की थाना मात्र 500 मीटर की दूरी पर है और नोएडा सेक्टर 43 की पुलिस चौकी मात्र 500 मीटर की दूरी पर है। अगर प्राधिकरण ऐसे ही रोस्टर के तहत अभियान चलाती रही और पुलिस ऐसे ही अनदेखी करती रही तो वो दिन दूर नही जब नोएडा स्मार्ट सिटी नही बल्कि सबसे अधिक अतिक्रमण वाली शहर के लिस्ट मे टॉप पर होगा।

खैर प्रार्थी को अब भी इंतजार है कि उत्तर प्रदेश सरकार यह बताए कि सार्वजनिक जगह के लिए क्या मानक तय किए गए है जहाँ पर शराब या नशे की सामान बेचने की किसी को भी इजाजत नही है।