आजादी के 75 वर्ष बाद भी बड़वासनी पंचायत के सोहडातरी  गाव मूलभूत सुविधा से वंचित।


दैनिक समाज जागरण 
कटोरिया से धर्मेंद्र रतन की रिपोर्ट 
आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी बड़वासनी पंचायत के सोहड़ातरी गांव मूलभूत सुविधा से वंचित है।  इस गांव में वर्षों से मुख्य पहुंच पथ नहीं है जिससे लोग  नरक की जिंदगी जी रहे हैं। सैकड़ों घर वाले गांव में स्वास्थ्य केंद्र नही है। गांव के बच्चे चाह कर भी नहीं पढ़ पा रहे है, क्योंकि इस गांव में एक भी सरकारी स्कूल नहीं है। मात्र छोटे बच्चे पढ़ने के लिए एक आंगनवाड़ी केंद्र है वह भी अदा कथा खुलता है।  50 घर वाले अत्यंत पिछड़े जाति के लोग सरकारी सुविधा से वंचित है। गांव के  सैकड़ों बच्चे के पढ़ने के लिए 3 किलोमीटर दूसरे गांव जाते हैं वह भी जंगली रास्ते होकर। गांव में न तो विद्यालय है ना ही स्वास्थ्य उप केंद्र।
 इस वजह से यहां के अधिकांश बच्चे कुपोषित हैं। कई बच्चों को एनीमिया की कमी से आंखों में बीमारी हो गई है। इस गांव में 500 से अधिक ठाकुर जाति के लोग नरक की जिंदगी जी रहे हैं। जिसे देखने वाला कोई नहीं है। गांव में सरकार की ओर से दी जाने वाली कल्याणकारी योजना का भी लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। यहां के लोग मुख्यधारा से वंचित हैं। गांव के युवक मुखिया अमलेश कुमार ने बताया कि सड़क नहीं रहने से बीमारी की अवस्था में लोगों को टांग कर 20 किलोमीटर कटोरिया इलाज के लिए ले जाना पड़ता है ।कई बार आवाज उठाने के बाद भी इस गांव के हो ना तो जनप्रतिनिधि ध्यान देते हैं ।ना ही अधिकारी ।70 साल बीत जाने के बाद भी इस गांव में सरकारी स्कूल नहीं है। जिसके वजह से यहां की किशोर और किशोरी बच्चियां 4 किलोमीटर दूर जंगल के रास्ते से दूसरे गांव पढ़ने जाती है। इतनी बड़ी आबादी वाले गांव में स्कूल का ना होना बड़ा उठता है। ग्रामीण   करण ठाकुर, वकील ठाकुर  विरेंद्र ठाकुर, धनंजय ठ�