बाबा खड्गेश्वरनाथ शिवलिंग अन्य शिवलिंग से है अलग, बड़ा होता जा रहा है शिवलिंग

रोजना रात के 12 बजे होता है खड्गेश्वर नाथ का दूध से स्नान

बंदी के माला से होता बाबा खड्गेश्वर नाथ का पूजा-अर्चना

अररिया।

भगवान शिव के प्रति लोगों की आस्था अन्य भगवान से अलग है। जिस कारण भगवान शिव को देवों का देव महादेव कहा गया है।बताया जाता है कि भगवान शिव से मांगी गयी हरेक मुरादें पूरी होती हैं पर भक्तों में भगवान शिव के प्रति आस्था व विश्वास होना चाहिये।कुछ इस तहर ही शहर के बाबा खड्गेश्वर नाथ शिव मंदिर से भक्तों का मुरादे पूरा होता आ रहा है।बाबा खड्गेश्वर नाथ शिव मंदिर अररिया से लाखों लोगों का आस्था जुड़ा हुआ है। जिस कारण महाशिवरात्री के दिन हजारों भक्त यहां जरूर पूजा के लिए पहुंचते है।बाबा खड्गेश्वर नाथ को रोजना रात के 12 बजे दूध से स्नान कराया जाता है। इसके बाद भगवान शिव को बेलपत्र व फूल चढ़ाया जाता है।इतना ही नही भगवान शिव का रोजना शनिवार व मंगलवार को विशेष श्रृंगार व पूजा अर्चना होता है।इस मंदिर का स्थापना लगभग तीस वर्ष पूर्व मां खड्गेश्वरी महाकाली के साधक सरोजानंद जी महराज उर्फ नानू बाबा के द्वारा किया गया है। इस मंदिर का पूजा-अर्चना नानू बाबा द्वारा किया जाता है। बताया जाता है कि बाबा खड्गेश्वरनाथ महादेव का सैकड़ों भक्तगण रोजाना पूजा अर्चना करते हैं।इसके बावजूद भी लगातार शिवलिंग का आकार बढ़ता जा रहा है।इस कारण भक्तगण अन्य देश व देश के अन्य राज्यों से भक्तगण तीर्थ करने के लिए बाबा खड्गेश्वरनाथ का दरबार में पहुंचते हैं।

मां खड्गेश्वरी के आदेश पर बना भगवान शिव का मंदिर

मां खड्गेश्वरी के साधक नानू बाबा बताते है कि इस मंदिर का स्थापना लगभग 35 वर्ष पूर्व हुआ था। यह मंदिर मां खड्गेश्वरी महाकाली के आदेश के बाद बनाया गया था। यह बाबा खड्गेश्वर नाथ का शिवलिंग बनारस से लाया गया था। मंदिर में शिवलिंग स्थापना के बाद शिवलिंग रोजना विशेष पूजा-अर्चना होता आ रहा है। इस पूजा-अर्चना के बाद भगवान शिवलिंग का आकार काफी बढ़ा है।जिस कारण लोगों की इस मंदिर से काफी आस्था बढ़ता चला गया।मंदिर में नेपाल सहित अन्य राज्य से भक्तगण महाशिव रात्री के दिन पूजा अर्चना के लिए पहुंचते है।

बाबा खड्गेश्वर नाथ को चढ़ता है बंदी द्वारा बनाये गये माला

बाबा खड्गेश्वर नाथ मंदिर के निर्माण के बाद से ही मंडल कारा अररिया से प्रत्येक दिन बंदी द्वारा माला बना कर भेजा जाता है। जिसे नानू बाबा भगवान शिव के आरती करने के बाद उस माला को बहना देते है। बाबा बताते है कि मंडल कारा में एक व्यक्ति बंद था जिसके बाद वह सोचने लगा की मां खड्गेश्वरी व बाबा खड्गेश्वर नाथ जी का कैसे पूजा किया जाये तब उसे भगवान से सपना आया और बताया कि जेल के अंदर में लगे फुल को तोड़ कर माला बना कर भेज दिया करो जिसे हम स्वीकार कर लेंगे।इसके बाद जेल में बंद सभी बंदी मिलकर माला बनाने लगा।माला बनाने के बाद वहा के सुरक्षा कर्मी द्वारा माला को बाबा खड्गेश्वर नाथ के लिए भेज दिया जाता है।खड‍् से पड़ा बाबा खड्गेश्वर नाथ का नाम 
मां खड्गेश्वरी महाकाली मंदिर के साधक नानू बाबा द्वारा पूजा-पाठ किया जाता है।इस पूजा-पाठ के दौरान नानू बाबा को मां खड्गेश्वरी के आदेश के बाद भगवान शिव का मंदिर का निर्माण कराया गया।बाबा बताते है कि मंदिर निर्माण के बाद जब मंदिर का नाम रखने का समय आया तो उस समय क्या नाम रखा जाये यह चर्चा होने गया। लेकिन बाबा को कोई भी नाम नहीं रख सका।इसके बाद नाम के लिए मां खड्गेश्वरी से पूछे जाने पर बताया कि खड् से मेरा नाम पड़ा है तो बाबा का नाम भी खड् से होना चाहिए जिसके बाद बाबा का नाम बाबा खड्गेश्वर नाथ रखा गया।