भूमि अधिकार और जनजातिकरण की मांग को लेकर दुमदुमा में विशाल जनसभा।

जिला प्रशासन द्वारा अनुमति न दिए जाने के बावजूद सभा में हजारों की संख्या में चाय जनगोष्ठी की उमड़ी भीड़ ।

समाज जागरण गोरखनाथ गुप्ता।
असम के तिनसुकिया जिले के  पांच चाय जनगोष्ठी संगठन द्वारा  दुमदुमा सार्वजनिक खेल  मैदान में एक विशाल जन रैली का आयोजन किया गया । जिसमें पांच हजार से अधिक संख्या में लोग चिल चिलाती धूप की परवाह किए बगैर सभा में शिरकत किया। हालांकि प्रशासन ने सभा आयोजित करने की अनुमति नहीं दी थी। सुबह से ही चाय बागान बहुल इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात कर नाकेबंदी किया गया था। जगह जगह पर गाड़ीयों में आ रहे सभा में चाय जनगोष्ठी के लोगों पुलिस द्वारा बाधाएं दि गई पर सभी बाधाएं दरकिनार कर प्रतीकवादी सभा स्थल पर हजारों संख्या में लोग पहुंचे। तिनसुकिया जिला के अखिल असम चाय जनजाति छात्र संस्था(आटसा), आदिवासी छात्र संस्था (आसा), चाय जन गोष्टी जातीय महासभा , असम चाय मजदूर संघ, भारतीय चाय मजदूर संघ द्वारा आयोजित सभा में केंद्र और राज्य सरकार को आङे हाथों लेते हुए चाय जनगोष्ठी को शोषण और अधिकार से वंचित किए जाने का आरोप लगाते हुए जमकर कोसा। जनजातीकरण, भूमि पट्टा और चाय समुदाय को राजनीतिक अधिकारों की मांग पूरी न किए जाने पर चाय जन गोष्ठी के नेताओं ने तीव्र आंदोलन की हुंकार दी ।आसा नेता ने पांच चाय जनगोष्ठी के एक्य मंच से अपने वक्तव्य में  वर्षों से रह रहे चाय जन गोष्टी को भूमि का अधिकार न दिए जाने के सूरत में आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। वही एक अन्य वक्ता चाय जनगोष्ठी को मात्र वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल तथा झूठा दिलासा देकर राजनीति रोटी सेंकने का आरोप लगाया। आगामी पंचायत चुनाव से पहले उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होने पर उन्होंने भाजपा का बहिष्कार करने की धमकी दी। असम चाय जनजाति छात्र संस्था(आटसा) जिला समिति के सभापति जगत नायक ने सरकार  के विरुद्ध चाय जनगोष्ठी के कथित शोषण के प्रति हल्ला बोलते हुए कहा कि चाय श्रमिकों को आवंटित शौचालय निम्न स्तर का बताते हुए गुवाहाटी म्यूजियम में रखने की जरूरत है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन अंचल में  पूरी तरह से नाकाम बनी हुई है। करोङो रुपए के अपव्यय कर जल जीवन मिशन से अंचल में किसी लाभ नहीं मिल रहा है । जमीन का अधिकार न मिलने पर गुलामी की जिंदगी जीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। चाय जनगोष्ठी को उनका अधिकार से वंचित किए जाने पर आसन्न पंचायत चुनाव में इसका करारा जवाब दिए देने की चेतावनी दी ।