*बिहार सरकार द्वारा हिंदू पर्व त्योहारों पर छुट्टियों को रद्द करने को भाजयुमो ने बताया हिंदू विरोधी फैसला*।



*किया तुगलकी फरमान शीघ्र वापस लेने की मांग*।

रंजीत ठाकुर,दैनिक समाज जागरण संवाददाता

अररिया।बिहार की घमंडिया गठबंधन की सरकार लगातार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है चाचा भतीजे की सरकार हिंदुओं की भावनाओं को आहत और खिलवाड़ करने से बाज नही आ रही है, प्रदेश में अब क्या सनातन धर्म मे आस्था रखने वाले धार्मिक त्योहार भी मना नही सकते है? उक्त बातें भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार ने बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष2024 के लिए जारी तुगलकी फरमान में हिन्दू पर्व त्योहारों की छुट्टियों को रद्द और की गई कटौती पर पत्रकारों के बीच अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।प्रदेश उपाध्यक्ष श्री कुमार ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा जारी हिंदू विरोधी फैसले पर रोष प्रकट करते हुए इसे घोर दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य बताया। कहा कि कुर्सी कुमार की सरकार ने हिंदुओं के भावना पर कुठाराघात करते हुए महाशिवरात्रि, रक्षाबंधन,
श्री कृष्ण जन्माष्टमी, हरितालिका तीज,अनंत चतुर्दशी, जिउतिया, विश्वकर्मा पूजा,कार्तिक पूर्णिमा गुरुनानक जयंती सहित दीपावली, दुर्गा पूजा के आलावे छठ महापर्व के छुट्टियों में कटौती और रद्द किया जाना और मुस्लिम समुदाय के पर्व त्योहार की छुट्टी में बढ़ोतरी के साथ शिक्षा में तुष्टिकरण को बढ़ावा देते हुए उर्दू स्कूलों मकतबों तथा मुस्लिम बहुल क्षेत्र के विद्यालयों में रविवार के बदले शुक्रवार को सरकारी छुट्टी घोषित करना, ना सिर्फ बेहद आपत्तिजनक है,बल्कि प्रदेश की घमंडिया सरकार का हिन्दू विरोधी चेहरा उजागर हुआ है। उन्होंने एक समुदाय को खुश करने और वोट बैंक की राजनीति को साधने वाले इस तालिबानी निर्णय को शीघ्र वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि मुस्लिम तुष्टिकरण राजनीति के प्रणेता नीतीश तेजस्वी की सरकार समाज को बांटने की नीति पर कार्य कर रही है जिसे बिहार की जनता 2024 एवं 2025 के चुनाव में करारा जबाब देगी।