नगर निगम ने जारी किए 5 नोटिस, ₹50,000 जुर्माना और 3 दिन की चेतावनी, बदसलूकी करने वालों पर हो सकती है FIR*
गाज़ियाबाद सिटी
रिपोर्ट: रविंद्र आर्य
गाज़ियाबाद के बालूपुरा पक्का तालाब क्षेत्र में वर्षों से चल रहे अवैध डेरी संचालन पर अब नगर निगम ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार रविंद्र आर्य द्वारा नगर आयुक्त को भेजी गई विस्तृत शिकायत के बाद नगर निगम की टीम ने स्थल पर जाकर निरीक्षण किया और कई अवैध डेरी संचालकों को नोटिस जारी किए।
शिकायत में आरोप था कि आवासीय क्षेत्र में डेरी संचालकों द्वारा सार्वजनिक ट्रैक और नालियों पर अतिक्रमण कर पशुओं को खुला छोड़ा जा रहा है, गोबर और मूत्र से सार्वजनिक मार्ग और जलस्रोत प्रदूषित किए जा रहे हैं, साथ ही क्षेत्र में अवैध खोखे और नशीले पदार्थों की बिक्री भी हो रही है।
इसके अतिरिक्त, कैला भट्टा क्षेत्र आदि से ट्रक-ट्रोलियों द्वारा गोबर मंगवाकर एक्सप्रेस मार्केट बिजलीघर के पास बड़े पैमाने पर इकट्ठा किया जाता है, जिससे गोबर से उपले बनाकर डेरी संचालक वर्षों से व्यापार कर रहे हैं। इससे क्षेत्र में दुर्गंध व गंदगी का माहौल बना रहता है। इस संदर्भ में लघु सिंचाई विभाग गाज़ियाबाद के नोडल अधिकारी हरिओम को जल्दोहन (अवैध जल दोहन) की भी शिकायत भेजी गई है।
*निगम टीम से की गई बतमीजी, वीडियो सबूत मौजूद*
निरीक्षण के दौरान जब नगर निगम की टीम निरीक्षक रविंद्र के साथ मौके पर पहुँची, तो अर्जुन पाल सहित कुछ डेरी संचालकों ने न केवल कर्मचारियों से बदसलूकी की बल्कि उन्हें गाली-गलौच कर सरकारी कार्य में बाधा पहुँचाई। सुरज नामक व्यक्ति द्वारा मौके पर भीड़ इकट्ठी कर जनभावनाएं भड़काने की कोशिश की गई, जिसका वीडियो साक्ष्य भी निगम के पास मौजूद है। यह घटना नगर निगम अधिकारियों द्वारा महापौर श्रीमती सुनीता दयाल के संज्ञान में भी लाई गई है।
*जिन पर कार्यवाही हुई, उनमें प्रमुख नाम:*
• कृष्णा पाल डेरी
• अर्जुन पाल डेरी, S/o श्री रामपाल
• मनोज डेरी, S/o पन्ना लाल
• छोटू डेरी, S/o अजन सिंह
• जय भगवान डेरी, S/o तिरखा पाल
अन्य दो अज्ञात संचालन इकाइयाँ भी क्षेत्र में सक्रिय हैं।
ये सभी डेरी संचालक बिना वैधानिक रजिस्ट्री, अनुमति अथवा टैक्स भुगतान के सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्ज़ा कर वर्षों से डेरी चला रहे थे, जिससे क्षेत्रवासियों, विशेषकर बच्चों, बुज़ुर्गों और राहगीरों को गंभीर असुविधा हो रही थी।
*निगम का नोटिस: ₹50,000 जुर्माना, ज़ब्ती की चेतावनी*
नगर निगम के पशु चिकित्सक एवं कल्याण अधिकारी आशीष त्रिपाठी द्वारा दिनांक 16 जून 2025 को जारी नोटिस में इन पाँचों अवैध डेरी संचालकों को — कल्लूपुरा, पक्का तालाब और प्रभाकर कॉलोनी क्षेत्र के अंतर्गत — अवैध संचालन तत्काल बंद करने का निर्देश दिया गया है।
यदि 3 दिनों के भीतर पशुओं को नहीं हटाया गया और गंदगी की स्थिति नहीं सुधारी गई, तो ₹50,000/- तक का जुर्माना और ₹200/- प्रतिदिन अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा।
साथ ही नगर निगम के पास पशुओं की ज़ब्ती, भवन सील करने और आपराधिक कार्यवाही का अधिकार सुरक्षित रहेगा।
*आगे की योजना: सख़्त निगरानी, बलपूर्वक हटाने की तैयारी*
नगर निगम अब इस पूरे क्षेत्र की निरंतर निगरानी कर रहा है। यदि निर्धारित समयसीमा में अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी। सुरज और अन्य दोषियों पर पुलिस केस दर्ज करने की प्रक्रिया भी विचाराधीन है।
*नागरिक चेतना बनी बदलाव की चाबी*
यह घटनाक्रम यह प्रमाणित करता है कि जब एक नागरिक सजग होकर सामाजिक ज़िम्मेदारी निभाता है, तो प्रशासन भी हरकत में आता है। पत्रकार रविंद्र आर्य द्वारा भेजी गई त्वरित व तथ्यों पर आधारित शिकायत ने वर्षों से उपेक्षित एक गंभीर समस्या को उजागर किया, जिससे समाधान की दिशा बनी।
नगर निगम को चाहिए कि ऐसे सभी मामलों में उदाहरण प्रस्तुत करने वाली त्वरित एवं कठोर कार्रवाई करे ताकि भविष्य में जलस्रोत, नालियाँ और सार्वजनिक भूमि अतिक्रमण से मुक्त रह सकें।
लेखक
रविंद्र आर्य – विश्लेषक एवं स्वतंत्र पत्रकार। भारतीय लोक संस्कृति, समाज और जननीति पर केंद्रित रिपोर्टिंग व जनचेतना अभियान में सक्रिय।
