वीरेंद्र चौहान , समाज जागरण ब्यूरो किशनगंज।
जिले में 21 अक्टूबर को बीएमजीऍफ़ की दो टीम द्वारा जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का गहन अध्ययन किया गया। इस दौरे का उद्देश्य जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में चल रही सेवाओं की समीक्षा, राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) प्रमाणीकरण प्रक्रिया की प्रगति, और स्वास्थ्य केंद्रों में डिजिटल तकनीकों के उपयोग का मूल्यांकन करना था। इस निरीक्षण में बहादुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कोचाधामन प्रखंड के काशीबाड़ी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, ठाकुरगंज प्रखंड, और किशनगंज सदर अस्पताल का दौरा किया गया। इस दौरान टीम ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। स्वास्थ्य विभाग एवं बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएम) के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने केंद्र में स्थानीय स्तर पर मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली। यहां पर प्रसव, प्रसव पूर्व जांच (एएनसी), एनसीडी, पीएमएसएमए, अस्पताल में उपलब्ध सभी तरह की जांच एवं मरीजों को दी जाने वाली दवाओं के संबंध में फार्मासिस्ट से बारीकी से बातचीत की गयी | इस दौरान बीएमजीएफ़ के देवेन हडके , सुनीता , आकाश मल्लिक ,मेनन , शरद चतुर्वेदी , जैनेन्द्र पाठक , रोहित तलवार , सुमित पिरामल एवं पिसीआई के राज्यस्तरीय एवं जिलास्तरीय दल , सिफार के जिला प्रतिनिधि , डीपिएम् स्वास्थ्य डॉ मुनाजिम , डीडीए सुमन सिन्हा , प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे |
बहादुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण
बीएमजीएफ के दल ने सबसे पहले बहादुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया, जहाँ उन्होंने वहां दी जा रही सेवाओं का विस्तृत निरीक्षण किया। वह उन्होंने प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना का भी अनुश्रवन किया गया , वही बारी बारी से प्रसव कक्ष , प्रयोगशाला , दवा वितरण , एएनसी , ओपिडी , आपातकाल सेवा का गहन अध्ययन किया | वही रेफरल सुविधा के बारे में भी जानकारी ली | टीम ने केंद्र द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं की सराहना की और इसे जिले के अन्य केंद्रों के लिए एक उदाहरण माना। इसके अलावा, टीम ने डिजिटल तकनीकों के उपयोग को बढ़ाने और सेवाओं की दक्षता में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
काशीबाड़ी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, कोचाधामन प्रखंड
इसके बाद, बीएमजीएफ टीम ने कोचाधामन प्रखंड के काशीबाड़ी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निरीक्षण किया। इस केंद्र में एनक्वास प्रमाणीकरण के लिए चल रहे कार्यों की समीक्षा की गई। केंद्र के संचालन और वहां दी जा रही सेवाओं को सुधारने के लिए टीम ने कई सुझाव दिए।विशेष रूप से, एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करते हुए, टीम ने गर्भवती महिलाओं की नियमित रक्त जांच, बीपी जांच, और अन्य आवश्यक परीक्षणों की सिफारिश की। टीम ने सुझाव दिया कि गर्भवती महिलाओं की जांच प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़ किया जाए, ताकि एनीमिया के मामलों को समय पर पहचाना और उपचारित किया जा सके। इस निरीक्षण के दौरान टीम ने वहाँ की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई रणनीतियों पर चर्चा की।
फाइलेरिया मुक्त अभियान, ठाकुरगंज प्रखंड का किया
एक दल ने ठाकुरगंज प्रखंड का दौरा किया, जहां फाइलेरिया मुक्त अभियान के तहत चल रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का निरीक्षण किया गया। इस अभियान के तहत, टीम ने गांवों में जाकर स्थानीय मुखिया, जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों से फाइलेरिया मुक्त अभियान की सफलता और उसकी चुनौतियों पर चर्चा की।दल ने स्थानीय लोगों से बातचीत करते हुए जागरूकता फैलाने और दवाओं का समय पर सेवन सुनिश्चित करने पर जोर दिया। साथ ही, जनप्रतिनिधियों को इस अभियान की सफलता के लिए प्रेरित किया। टीम ने फाइलेरिया को जड़ से खत्म करने के लिए इस अभियान को अधिक प्रभावी बनाने पर भी जोर दिया।
बीएमजीएफ दल ने किशनगंज सदर अस्पताल का भी दौरा किया, जहां उन्होंने अस्पताल की सुविधाओं, सेवाओं और व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया। टीम ने अस्पताल में मौजूद उपकरणों, दवाओं की उपलब्धता, और चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता की समीक्षा की। मरीजों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए टीम ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।सदर अस्पताल में दी जा रही सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग बढ़ाने की भी सिफारिश की गई। इसके साथ ही, अस्पताल की संरचना और प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाने पर चर्चा की गई। विशेष रूप से विशेष नवजात देखभाल इकाई (SNCU) की सेवाओं पर टीम ने गहन ध्यान दिया। SNCU की कार्यप्रणाली और संचालन का अध्ययन करते हुए टीम ने वहां के स्वास्थ्यकर्मियों से बातचीत की और नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए आवश्यक सुधारों पर चर्चा की।इसके साथ ही, एनक्वास प्रमाणीकरण प्रक्रिया की प्रगति की जांच की गई, जिसमें इस केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के अनुरूप बनाने के प्रयासों का अवलोकन किया गया।
दल के द्वारा जिला पदाधिकारी के साथ बैठक कर आवश्यक सुझाव दिए गये
दौरे के समापन पर, बीएमजीएफ की टीम ने जिला पदाधिकारी श्री विशाल राज से मुलाकात की और पूरे दिन किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत की। टीम ने बहादुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, काशीबाड़ी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, ठाकुरगंज प्रखंड और सदर अस्पताल में दी जा रही सेवाओं की सराहना की। उन्होंने एनक्वास प्रमाणीकरण प्रक्रिया की प्रगति और एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत किए जा रहे प्रयासों पर भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।साथ ही उन्होंने बताया की बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन का लक्ष्य यही है कि सबसे कमजोर समुदायों के भविष्य को प्रभावित करने में प्रजनन, मातृ, नवजात शिशु और बाल स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। भारत सहित कई अन्य देशों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के साथ ही दुनिया भर में गरीबी को कम करना है।जिला पदाधिकारी श्री विशाल राज ने टीम के सुझावों का स्वागत किया और जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि जिले में महिला मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने पीरामल, पीसीआई जैसी सहयोगी संस्थाओं द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों की भी सराहना की।जिलापदाधिकारी ने कहा कि जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने और स्वास्थ्य केंद्रों को जल्द से जल्द एनक्वास प्रमाणीकरण प्राप्त कराने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे, ताकि जिले के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक बनाने और डिजिटल तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए टीम के सुझावों पर अमल किया जाएगा।इस दौरे के परिणामस्वरूप जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है, जिससे किशनगंज जिले के नागरिकों को बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।