सक्षमता परीक्षा में वैकल्पिक भाषा में उर्दू चयनित किए हुए अभ्यर्थियों से भी पूछा जा रहा हिंदी में प्रश्न – इन्तेखाब आलम

सक्षमता परीक्षा सिलेबस के अनुसार प्रश्न क्यों नहीं नियोजित शिक्षक परीक्षार्थियों से पूछा गया है ?

पटना।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य इन्तेखाब आलम ने बिहार सरकार शिक्षा विभाग एवं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) पटना से पूछा है कि सक्षमता परीक्षा सिलेबस के अनुसार प्रश्न क्यों नहीं नियोजित शिक्षक परीक्षार्थियों से पूछा गया है ? गौरतलब हो कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना द्वारा आयोजित ऑनलाइन सक्षमता परीक्षा 26, 27 और 28 फरवरी 2024 को वैकल्पिक भाषा के रूप में उर्दू चयनित किए हुए अभ्यर्थियों से प्रश्न के रूप में हिंदी प्रश्न पूछा गया। परीक्षार्थी अन्य विषय हिंदी जो उन्होंने परीक्षा फॉर्म भरते समय विकल्प के रुप में नहीं चुना था तो अचानक सिलेबस से उलट भाषा हिंदी का प्रश्न देकर अभ्यर्थी हैरान परेशान हो गए। सक्षमता फरीक्षा ऑनलाइन हो रहा है और कम्प्यूटर में उर्दू का ऑप्शन नहीं शो कर रहा है और उन्हें मजबूरन हिंदी भाषा का प्रश्न कठिनाई पूर्वक आंसुओं के साथ हल करना पड़ा। और वे अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हो गए। कुछ तो मदरसा से पढ़े अभ्यर्थी भी हैं,जिन्होंने ने वैकल्पिक भाषा के रूप में उर्दू भाषा का चयन किया था उनका क्या होगा ?
श्री आलम ने कहा की उर्दू बिहार की राजभाषा है और उर्दू अदब उर्दू आबादी का हकमारी इससे पूरे बिहार का उर्दू से ताल्लुक रखने वाले नियोजित शिक्षक अभ्यर्थी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
इन्होंने कहा कि बिहार सरकार शिक्षा विभाग और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को जल्द से जल्द निराकरण करें और वैकल्पिक भाषा रूप से उर्दू चयन करने वाले परीक्षार्थी अगर हिंदी के प्रश्न से क्वालीफाई नहीं करते हैं तो उन्हें उचित ग्रेस अंक देकर क्वालीफाई करें। और आगे शिफ्ट परीक्षा में ऐसी ग़लती ना हो इनका विशेष ध्यान रखें।
गौरतलब तलब हो कि ऐसी ग़लती बीपीएससी ने टीआरई-2.0 में किया था, और आयोग ने संज्ञान लेकर भाषा की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया था।
श्री आलम ने बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से भी अनुरोध किया हैं कि शीघ्र ही इन पीड़ित नियोजित शिक्षक परीक्षार्थियों का समस्या का समाधान हो।