समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश
पटना/ बिहार विधानसभा चुनावों की आहट के साथ ही राज्य में विकास योजनाओं और सरकारी नियुक्तियों की रफ्तार तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने चुनावी वादों को पूरा करने की दिशा में एक और अहम कदम उठाया है। सोमवार को पटना में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में उन्होंने 315 प्रखंड उद्यान पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस आयोजन से साफ हो गया कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के अपने संकल्प को लेकर गंभीर है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही राज्य के युवाओं से 12 लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया था। इसी क्रम में विभिन्न विभागों में चरणबद्ध ढंग से नियुक्तियां हो रही हैं। कृषि विभाग के अंतर्गत आने वाले प्रखंड उद्यान पदाधिकारियों की नियुक्ति न केवल रोजगार सृजन की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि यह राज्य में बागवानी और कृषि विकास को भी मजबूती देगा।
यह नियुक्ति पत्र वितरण समारोह पटना के मीठापुर स्थित कृषि भवन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के अन्य प्रमुख कार्यक्रमों की भी शुरुआत की। उन्होंने अनुमंडल स्तर पर 62 नए कृषि भवनों के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। ये भवन किसानों को तकनीकी सहायता, जानकारी और सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए बनाए जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय आरा के कार्यारंभ की भी घोषणा की। यह महाविद्यालय कृषि क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। इसके माध्यम से राज्य के छात्रों को कृषि इंजीनियरिंग की पढ़ाई का अवसर मिलेगा, जिससे नई पीढ़ी को आधुनिक कृषि तकनीक से जोड़ा जा सकेगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने “बिहार कृषि मोबाइल ऐप” का भी शुभारंभ किया। यह ऐप किसानों के लिए एक डिजिटल समाधान के रूप में कार्य करेगा, जहां वे कृषि संबंधी सलाह, मौसम की जानकारी, फसल बीमा और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने “खरीफ महाअभियान 2025” की भी शुरुआत की, जो खरीफ फसलों की बुआई और उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए राज्यव्यापी अभियान होगा। इस आयोजन में बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री, कृषि मंत्री सहित कृषि विभाग और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इससे यह साफ संकेत गया कि सरकार कृषि को प्राथमिकता देने और युवाओं को रोजगार देने की नीति पर मजबूती से काम कर रही है। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में संभावित हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह सक्रियता बताती है कि वे अपने वादों को अमल में लाकर ही जनता के सामने वोट मांगने जाएंगे। रोजगार, कृषि और आधारभूत ढांचे के विकास जैसे मुद्दों पर तेजी से काम कर सरकार यह संदेश देना चाहती है कि वह केवल घोषणाओं की नहीं, बल्कि धरातल पर कार्यों की राजनीति कर रही है। नीतीश कुमार द्वारा की गई यह नियुक्तियां और घोषणाएं चुनावी माहौल में एक सकारात्मक संकेत हैं। यह कदम न केवल युवाओं को आशा देगा, बल्कि राज्य के कृषि और ग्रामीण विकास को भी गति प्रदान करेगा। अब देखना होगा कि अन्य विभागों में भी इसी तरह की नियुक्तियां और विकास योजनाएं कितनी तेजी से लागू की जाती हैं।