नपा के लिए नियम, कानून और आदेश से बढ़कर सर्वोपरि हुआ ठेकेदार

गांधी के बल पर संयुक्त संचालक का आदेश बना रद्दी का टुकड़ा

5 महीने बाद भी नहीं उखड़ी गई सड़क

इन्ट्रो:- अनूपपुर जिले में ज्वलंत मुद्दों से भरी हुई बिजुरी नगर पालिका मंत्री के दामन में दाग लगाने का कार्य कर रही है। ठेकेदार मंत्री को बदनाम करने के लिए मनमाने तरीके से कार्य कर अपने आप को मंत्री का आदमी बताने से नहीं चूक रहे हैं। जबकि मंत्री ने स्पष्ट रूप से सार्वजनिक तरीके से आदेश दिए थे कि सड़क निर्माण या किसी प्रकार के निर्माण कार्य में बिना कोताही बरते मजबूत और गुणवत्ता युक्त सड़क बनाई जाए फिर भी मंत्री की मनसा को पलीता लगाते हुए ठेकेदार मनमाने निर्माण कार्य कर कर भुगतान के लिए नपा के चक्कर काट रहे हैं। मामला बिजुरी नगर पालिका के कायाकल्प योजना के तहत किए गए निर्माण कार्य का है।

अनूपपुर। मध्य प्रदेश शासन की सबसे महत्वपूर्ण और वर्तमान में सबसे पॉपुलर कायाकल्प योजना मैं पलीता लगाने का कार्य बिजुरी नगर पालिका और वहां के ठेकेदार कर रहे हैं। संयुक्त संचालक द्वारा 29 दिसंबर 2023 को कायाकल्प योजना 1.0 अंतर्गत हनुमान मंदिर से स्टेशन तिराहा व स्टेशन तिराहा से पुराना थाना होते हुये हनुमान मंदिर तक डामर रोड़ सुद्रणीकरण को रोकते हुए सड़क उखड़ कर दोबारा बनाने के निर्देश दिए थे। निर्देश मुख्य नगर पालिका अधिकारी बिजुरी के दिए गए थे जहां 3 दिन के भीतर संयुक्त संचालक के आदेश का पालन किया जाना चाहिए था। लेकिन संयुक्त संचालक के आदेश को पालन न करते हुए अपने आप को मंत्री का आदमी बात कर अधिकारियों कर्मचारियों में डर बैठ कर कायाकल्प की फाइलों का भुगतान करने के लिए आए दिन शहडोल और नगर पालिका बिजुरी के चक्कर ठेकेदार काट रहे हैं। गांधी के बूते कमीशन देकर गुणवत्ता विहीन हुए निर्माण कार्य को हरी झंडी दिखाने के लिए नगर पालिका अध्यक्ष उपाध्यक्ष के शरण में जाकर भुगतान के लिए आए दिन चक्कर काटते हुए ठेकेदार दिख जाएंगे। वहीं मुख्य नगर पालिका अधिकारी अब तक उक्त आदेश पर किसी प्रकार की कार्यवाही ना करने की लापरवाही कर रहे हैं, जिस ठेकेदार का हौसला बुलंद हो रहा है।

आखिर क्यों अमल नहीं हुआ संयुक्त संचालक का आदेश ?
कायाकल्प योजना के तहत बिजुरी नगर पालिका के तरह ही अमरकंटक में गुणवत्ता विहीन सड़क निर्माण का कार्य किया गया था जिसमें संयुक्त संचालक ने जांच के बाद तीन दिवस के भीतर सड़क उखड़ कर दोबारा बनाए जाने का निर्देश दिया था। जिस पर तात्कालिक मुख्य नगर पालिका अधिकारी अमरकंटक ने तीन दिवस के भीतर ही सड़क को उखाड़ कर उसे पर दोबारा कार्य शुरू करवा दिया था। लेकिन बिजुरी नगर के मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा उक्त आदेश पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है। और ना ही अब तक गुणवत्ता विहीन सड़क पर संयुक्त संचालक द्वारा दिए गए आदेश का अमल किया गया है। यहां तक की हाल ही में दोबारा सड़क की जांच कर उसको हरी झंडी दिखाने का कार्य भी ठेकेदार द्वारा शहडोल और नपा बिजुरी के चक्कर काट कर करने का प्रयास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी शासन के नुमाइंदा होने के बाद भी ठेकेदार की जी हुजूरी बज रहे हैं। जिससे बिजुरी नगर पालिका की जनता को मिलने वाली सुविधा असुविधा में तब्दील हो रही है। संयुक्त संचालक के आदेश पर अमल न होने से मुख्य नगर पालिका अधिकारी और वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष उपाध्यक्ष के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।

मैनेजमेंट की स्कीम से भ्रष्टाचार को आमंत्रित दे रहे हैं जिम्मेदार

छोटे अधिकारियों से लेकर उच्च अधिकारियों तक निर्माण कार्य के कमीशन की राशि पहुंचकर मैनेजमेंट स्कीम के तहत भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। तीन दिवस के अंदर उखाड़ने वाली सड़क आज 5 महीने होने के बाद भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई। वही कायाकल्प योजना के तहत भुगतान का प्रोसेस भी शुरू कर दिया गया है सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा कौन सा मैनेजमेंट है जो की संयुक्त संचालक के आदेश से भी सर्वोपरि है। ठेकेदार को सर्वोपरि बनाकर गांधी के बूते बिजुरी की जनता को भ्रष्टाचार की खाई में धकेलना का कार्य बिजुरी नगर पालिका द्वारा किया जा रहा है।

संयुक्त संचालक ने दिए थे सड़क उखाड़ने का आदेश

संविदाकार, निकाय उपयंत्री उमेश त्रिपाठी एवं निकाय क्षेत्र के अन्य निवासी गवाहों के समक्ष पंचनामा तैयार किया जा कर निर्मित डामर रोड़ लम्बाई 478 मीटर एवरेज चौड़ाई लगभग 08 मीटर रोड़ की गुणवत्ता जांच मे बिटुमन की मात्रा की जांच दिनांक 23.12.2023 एवं दिनांक 27.12.2023 को किया गया, निरीक्षण के दौरान पाया गया कि रोड़ दोनो तरफ लगभग 25 सेंटीमीटर से 30 सेंटीमीटर मे डामर निकल रहा है, उक्त पैच मे काम्पैक्सन नही किया गया है। जॉच के दौरान 478 मीटर लम्बी निर्मित रोड़ मे से लगभग 50 मीटर रोड़ मे बिटुमन की मात्रा एवरेज 6.6 प्रतिशत है लेकिन शेष 428 मीटर लम्बाई मे एवरेज 3.7 प्रतिशत डामर की मात्रा पाई गई है, इसके बाद संयुक्त संचालक द्वारा संविदाकार के द्वारा बनाई गई 428 मीटर निर्मित रोड़ को अमान्य कर दिया गया था। और आदेश पारित किया गया था कि संविदकार से निर्मित रोड़ को उखाड़कर पुनः तकनीकी माप दण्ड अनुसार निर्माण कार्य कराया जाना सुनिश्चित किया जावें। लेकिन आज दिनांक तक उक्त आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। और ना ही नगर पालिका प्रशासन के मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा उक्त डामर रोड को ठेकेदार से उखड़वाया गया है। कुल मिलाकर भ्रष्टाचार करने के लिए ठेकेदार को संरक्षण देने का कार्य किया गया है।