मामला कटनी जिले के ग्रामीण क्षेत्र से है कहने को तो ये है की अडानी फाउंडेशन के सी एस आर विभाग के अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में भूसा बनाने की मशीन दी हुई है लेकिन व्यापार करने के उद्देश्य से न की ग्रामीणों की सहायता हेतु। और इन अधिकारियों पर ग्रामीणों का कहना ये है की भूसे की कमी क्षेत्र में इन्ही के आने से और भूसे की महंगाई भी इन्ही की वजह से हुई।
जहाँ दूसरी भूसा मशीनें 1500 से 1800 रुपए में एक बक्सा भूसा बनाकर देते थे वही अडानी कंपनी कैमोर के अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में भूसे के मूल्य को आसमान पर चढ़ाने का किया और यही नही। 3 महीने से ग्रामीण क्षेत्रों में भूसा बनाया गया और भूसे का पता भी नही की कहाँ भंडारण किया गया या फिर कैमोर अडानी प्लांट के किलन मे ले जाया गया।
आख़िर अधिकारियों के और उद्योंगों की धूल मिट्टी को खाते खाते अब किसान भूसे के लिए भी घूमता फिरे जो भूसा ग्रामीण किसानों को आसानी से प्राप्त होता था।