बाढ़ नियंत्रण विभाग में भ्रष्टाचार की आशंका: करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद सड़क अंधकार में, नागरिकों की सुरक्षा खतरे में — रणबीर सिंह सोलंकी

नई दिल्ली, द्वारका| द्वारका उपनगर के सेक्टर-3 स्थित आदर्श अपार्टमेंट और पालम ड्रेन के बीच की मुख्य सड़क, जो मधु विहार, राजापुरी, भरत विहार, महावीर एन्क्लेव सहित कई घनी आबादी वाले क्षेत्रों को जोड़ती है, वर्षों से उपेक्षा और भ्रष्टाचार की मार झेल रही है। यह मार्ग हजारों नागरिकों की दैनिक आवाजाही का मुख्य ज़रिया है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।

आरडब्ल्यूए अध्यक्ष एवं फेडरेशन ऑफ साउथ एंड वेस्ट डिस्ट्रिक्ट वेलफेयर फोरम के चेयरमैन रणबीर सिंह सोलंकी ने बताया कि लगभग तीन वर्ष पूर्व इस सड़क का निर्माण कार्य बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा कराया गया था, लेकिन घटिया निर्माण सामग्री और लापरवाहीपूर्ण निगरानी के कारण सड़क अब जर्जर हो चुकी है। इसके साथ ही, सड़क के किनारे बनाई गई सुरक्षा दीवार भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है।

सबसे गंभीर मुद्दा यह है कि रखरखाव न होने पर भी विभाग ने न तो ठेकेदार की जिम्मेदारी तय की और न ही उचित कार्रवाई की, बल्कि पुनः एक नया टेंडर जारी कर दिया। यह कार्य भी पिछले डेढ़ वर्ष से अधूरा पड़ा है। पोल टेढ़े-मेढ़े लगे हैं, और आज तक बिजली की आपूर्ति शुरू नहीं की गई, जिससे पूरा क्षेत्र रात में अंधेरे में डूब जाता है। इस अंधेरे में सीसीटीवी कैमरे भी बेअसर हो गए हैं, जिससे क्षेत्रवासियों की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।

श्री सोलंकी ने इस पूरे मामले को “भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा” बताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री, विकास मंत्री एवं उपराज्यपाल से इस प्रकरण की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने दोषी अधिकारियों एवं संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की अपील की, ताकि भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोका जा सके।

“यह केवल सड़क निर्माण की विफलता नहीं है, बल्कि जनसुरक्षा, सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और प्रशासनिक जवाबदेही की घोर अनदेखी का मामला है। इसकी समयबद्ध जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई आवश्यक है।” — रणबीर सिंह सोलंकी

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