साइबर क्राइम के खिलाफ जागरूकता अभियान में ठोस उपायों पर चर्चा

ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय में साइबर क्राइम से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम, महबूब आलम ने दी जानकारी

मधेपुरा ।

ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में साइबर अपराध के खिलाफ प्रभात खबर के जन आंदोलन अभियान के तहत जागरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर साइबर क्राइम थाना के इंस्पेक्टर महबूब आलम ने छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को साइबर अपराधों से संबंधित विभिन्न खतरों के बारे में जानकारी दी और इनसे बचने के उपायों पर भी चर्चा की।

इंस्पेक्टर महबूब आलम ने बताया कि साइबर अपराध के विभिन्न प्रकार जैसे हैकिंग, डिजिटल अरेस्ट, बाल पोर्नोग्राफी, पासवर्ड चोरी, ऑनलाइन धोखाधड़ी, साइबर स्टॉकिंग, और फिशिंग आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इन खतरों से बचने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी और बताया कि ऐसे अपराधियों से निपटने के लिए जागरूकता और सावधानी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

साइबर क्राइम से बचने के लिए ठोस कानून की जरूरत
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि साइबर अपराध का जाल अब गांवों से लेकर शहरों तक फैल चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि साइबर अपराधों के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए ठोस कानून बनाना आवश्यक है। साथ ही, जब भी कोई साइबर अपराध का शिकार होता है, उसे धैर्य से काम लेना चाहिए और जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए।

स्वयं साइबर क्राइम से बचें और दूसरों को भी जागरूक करें
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. सुधांशु शेखर, विभागाध्यक्ष (दर्शनशास्त्र), ने कहा कि भारत में डिजिटल तकनीकी का तेजी से विस्तार हो रहा है, और साइबर क्राइम इसके विकास की राह में एक बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम न केवल खुद साइबर अपराध से बचें, बल्कि दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करें।

उन्होंने भारतीय दर्शन का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे ग्रंथों में लोभ और भय को जीवन के शत्रु माना गया है। साइबर अपराध में अक्सर इन दोनों शत्रुओं का प्रभाव होता है, जो हमें धोखाधड़ी का शिकार बना सकता है। इसलिए हमें अपने मन को मजबूत और सजग रखना चाहिए।

इस कार्यक्रम में डॉ. मनोज कुमार ठाकुर, डॉ. जावेद अहमद, डॉ. अशोक कुमार अकेला सहित महाविद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने भी सवाल-जवाब सत्र में भाग लिया और विशेषज्ञों से अपने संदेहों का समाधान प्राप्त किया।

कार्यक्रम में शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, सौरभ यादव, अंकित आनंद, और अन्य छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन चंदन कुमार ने किया।

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