करीब साढ़े 6 वर्ष पूर्व नाबालिग छात्रा के अपहरण का मामला
ब्यूरो चीफ़/ दैनिक समाज जागरण
सोनभद्र। करीब साढ़े 6 वर्ष पूर्व नाबालिग छात्रा के अपहरण के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी अंकित सिंह को 7 वर्ष की कठोर कैद एवं 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 8 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक शाहगंज थाना क्षेत्र स्थित एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने शाहगंज थाने में 25 सितंबर 2018 को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी जो कक्षा 11 की छात्रा है। 20 सितंबर 2018 को सुबह 8-9 बजे रोज की तरह स्कूल गई थी, लेकिन वह घर वापस नहीं लौटी। अपने स्तर से बेटी को रिश्तेदारी से लेकर हर संभव जगह तलाश किया, लेकिन कहीं पता नहीं चला। 21 सितंबर को बेटी ने फोन किया और बताया कि सागर मध्यप्रदेश स्थित बहेलिया थाने में हैं जल्दी आ जाइए। जब अपने भांजे को साथ लेकर सागर मध्यप्रदेश पहुंचा तो बेटी के साथ ही अभियुक्त अंकित सिंह भी मिला। जब वापस आने लगे और चोपन रेलवे स्टेशन आया तो अंकित सिंह वहां से फरार हो गया। जब घर आया तो बेटी ने बताया कि जब वह स्कूल जा रही थी तभी स्कूल के पास अंकित सिंह पुत्र रामसूरत सिंह निवासी सहुआर, थाना शाहगंज, जिला सोनभद्र मिला और कहा कि चलो तुम्हारी सहेली पूनम सिंह ने बुलाया है। उसकी बातों पर विश्वास करके उसके साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर चल दी। जब रॉबर्ट्सगंज आ गई तो बेटी ने पूछा कि कहां ले जा रहे हो तो अंकित सिंह ने कहा कि चुपचाप बैठी रहो नहीं तो गला दबा दूंगा। डर की वजह से बेटी कुछ नहीं बोल पायी और उसे चोपन रेलवे स्टेशन ले गया जहां से ट्रेन से सागर मध्यप्रदेश ले गया। बेटी के साथ छेड़छाड़ भी किया है। सूचना दे रहा हूं। आवश्यक कर्रवाई करें। इस तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू कर दिया और पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में अंकित सिंह के विरूद्ध चार्जशीट विवेचक ने दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्को को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर अपहरण के दोषी अंकित सिंह को 7 वर्ष की कठोर कैद एवं 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वही अर्थदंड की धनराशि में से 8 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर ले सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने बहस की।
