हेमंत,नेहा तिर्की और बिहारी जनप्रतिनिधि का पुतला दहन

झारखंड में हो रहे बाहरी-भीतरी मामले को लेकर बिहारी समाज का फूटा ग़ुस्सा

अभय कुमार मिश्रा, दैनिक समाज जागरण, ब्यूरो चीफ, कोल्हान झारखंड

जमशेदपुर (झारखंड)11 अगस्त 2024:– बिहार से ही अलग हुए राज्य झारखंड में ही यहां के जन्मे लोगो को बाहरी कहना झारखंड की राजनीति में आम हो गया है आए दिन कोई ना कोई नेता बाहरी को भगाने का नारा देते रहे है पर अब पानी सिर के ऊपर से बह गया जब है मांडर की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने बिहारी को घुसपैठ कह दिया और वर्तमान में झारखंड में बांग्लादेश का मामला चल रहा है ऐसे वक़्त में बिहारी को घुसपैठ कहना साफ़ है कि बिहारी की तुलना बांग्लादेशी से की जा रही है और सदन में झारखंड के मुख्यमंत्री और बिहारी वोट से जीत कर सदन के जाने वाले बिहारी जनप्रतिनिधि भी मौन सहमति दे रहे है या हिम्मत नहीं जुटा पा रहे कहने का ताकि उनका राजनीतिक नुक़सान ना हो जाए । इसके चलते ही बिहारी समाज ऐसे नीच राजनीति का विरोध करती है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन , विधायक शिल्पी नेहा तिर्की और झारखंड राज्य के सभी बिहारी जनप्रतिनिधि का पुतला दहन कर रही है ।
सागर तिवारी के मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार एक बड़ा राज्य था झारखंड के मांग से लगा की छोटा राज्य बनेगा तो सरकार बेहतर कार्य कर पाएगी और बहुत विकास होगा पर खन्नन से भरे इस राज्य को बने 24 साल हो गया पर विकास के नाम पर केवल जाति की राजनीति और बाहरी भीतरी करना ही रह गया है यहां के नेता को । झारखंड में रह रहे बिहारी समाज के लोग झारखंड बनने से पहले से यहां रह रहे है उनका जन्मस्थान है फिर उन्हें बाहरी कहना कहा से सही है । बिहार झारखंड कोई जाति नहीं है राज्य का नाम है जिससे लोगो की पहचान होती है और झारखंड के सभी नेता जो सदन में ख़ुद को झारखंडी नेता कहते नहीं थकते वो ख़ुद बिहारी है उनका जन्म बिहार प्रदेश में हुआ था और फिर भी ख़ुद को गिरगिट समझ रंग बदलते ही अपने पुराने रंग को गाली दे रहे है।

झारखंड सभी का है और इसे एकजुट होकर देश का एक मज़बूत राज्य बनाने का प्रयास करना चाहिए ख़ुद में लड़कर झारखंड को बर्बाद करने का प्रयास नहीं करना चाहिए और अगर इनसे झारखंड का विकास नहीं होता है तो सभी नेता को राजनीति छोड़ देनी चाहिए !
अगर ये सभी बिहारी समाज से माफ़ी नहीं मांगते है तो आंदोलन ज़ोरदार होगा । कार्यक्रम में मुख्य रूप से सागर तिवारी,धर्मबीर महतो,प्रदीप सिंह,राम कृष्ण दूबे,रामेश्वर,विकास,विवेक सिंह,आशुतोष,निखिल,जय प्रकाश,अभिषेक,सोनू,राजकुमार पाठक,संजय रजक,वैंकेट राव,विजय तिवारी,अजय पांडेय,राकेश चौरसिया,अश्विनी सिंह,कमल किशोर,अमरेन्द्र प्रताप सिंह उपस्थित थे ।