स्वस्थ, आत्मनिर्भर और जागरूक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
वीरेंद्र चौहान, समाज जागरण ब्यूरो किशनगंज।
18 फरवरी। महिलाओं का स्वास्थ्य किसी भी समाज की बुनियाद होता है, लेकिन आज भी भारत में असुरक्षित गर्भधारण, अनियोजित परिवार और गर्भनिरोधक साधनों की जानकारी के अभाव में कई महिलाओं को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को पारंपरिक भ्रांतियों और सीमित संसाधनों के कारण परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों की सही जानकारी और सुविधा नहीं मिल पाती।सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया की विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, अनियोजित गर्भधारण और बार-बार गर्भधारण के कारण भारत में हर साल हजारों महिलाओं की मौत होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, एक सुरक्षित गर्भनिरोधक उपाय अपनाकर इन जिंदगियों को बचाया जा सकता है। इसी दिशा में, भारत सरकार ने “अंतरा इंजेक्शन” को एक कारगर परिवार नियोजन उपाय के रूप में अपनाया है। यह इंजेक्शन तीन महीने तक गर्भधारण से सुरक्षा प्रदान करता है और महिलाओं के स्वास्थ्य पर कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं डालता।
अंतरा इंजेक्शन पर 27 एएनएम को विशेष प्रशिक्षण
महिलाओं के बीच परिवार नियोजन के इस आधुनिक साधन को पहुंचाने के लिए किशनगंज जिले में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला स्वास्थ्य समिति प्रांगण में 27 एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) को प्रशिक्षित किया गया, जिससे वे इस इंजेक्शन के सही उपयोग, इसके लाभ और संभावित प्रभावों की जानकारी महिलाओं तक पहुंचा सकें। जिले में महिलाओं के स्वास्थ्य संरक्षण और परिवार नियोजन को मजबूत करने के लिए एक अहम कदम उठाया गया है। अंतरा इंजेक्शन पर 27 एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) को विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिससे वे जमीनी स्तर पर महिलाओं को इस सुरक्षित गर्भनिरोधक उपाय का लाभ पहुंचा सकें।जिला स्वास्थ्य समिति प्रांगण में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. अनीता कुमारी, जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार और पीरामल फाउंडेशन की गुंजन ने बतौर प्रशिक्षक भाग लिया।
सिविल सर्जन बोले – ‘हर महिला को मिले यह सुविधा’
इस मौके पर किशनगंज के सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा “परिवार नियोजन केवल जनसंख्या नियंत्रण का साधन नहीं, बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य और समाज के संतुलित विकास की कुंजी भी है। अंतरा इंजेक्शन एक सुरक्षित, प्रभावी और सुविधाजनक तरीका है, जिससे अनचाही गर्भावस्था को रोका जा सकता है और मातृ मृत्यु दर में भी कमी आएगी। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम हमारे जिले में इस योजना को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। प्रशिक्षित एएनएम अब गांव-गांव जाकर महिलाओं को इस योजना का लाभ दिलाएंगी।”
कैसे पहुंचेगा यह कार्यक्रम महिलाओं तक?
सरकार और स्वास्थ्य विभाग की यह योजना तभी सफल होगी जब अंतरा इंजेक्शन के प्रति महिलाओं में जागरूकता बढ़ेगी और वे इसे अपनाने के लिए प्रेरित होंगी। इसके लिए—
✔ स्वास्थ्य शिविरों में महिलाओं को इस बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
✔ आशा और एएनएम कार्यकर्ता घर-घर जाकर महिलाओं से संवाद करेंगी।
✔ समुदाय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर भ्रांतियों को दूर किया जाएगा।
अंतरा इंजेक्शन: महिलाओं के लिए वरदान
➡ हर तीन महीने में केवल एक इंजेक्शन, कोई अतिरिक्त झंझट नहीं।
➡ निःशुल्क सरकारी सुविधा, सभी महिलाओं के लिए सुलभ।
➡ अनचाही गर्भावस्था रोकने में 99% तक प्रभावी।
➡ महिलाओं को अपने स्वास्थ्य और परिवार नियोजन पर अधिक नियंत्रण।
स्वस्थ, आत्मनिर्भर और जागरूक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया की अंतरा इंजेक्शन महिलाओं को स्वस्थ, आत्मनिर्भर और जागरूक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस प्रशिक्षण के बाद जिले की एएनएम, आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कर्मी मिलकर इसे हर जरूरतमंद तक पहुंचाने के लिए काम करेंगे। इससे न केवल महिलाओं का स्वास्थ्य सुरक्षित होगा, बल्कि समाज भी अधिक सशक्त और जागरूक बनेगा।इस कार्यक्रम को पूरे जिले में सफलतापूर्वक लागू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रशिक्षित एएनएम की निगरानी करेगा और हर गांव में इसकी पहुंच सुनिश्चित करेगा।अंतरा इंजेक्शन महिलाओं के स्वास्थ्य और अधिकारों को सुरक्षित रखने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से जिले की एएनएम, आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कर्मी मिलकर इसे जरूरतमंद महिलाओं तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह पहल न केवल महिलाओं के लिए सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करेगी, बल्कि पूरे समाज को स्वस्थ और खुशहाल बनाएगी।