कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय मोदीनगर ने योगी सरकार के आदेशों की उड़ा रहा है उधर से

मोदीनगर क्षेत्र मे कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय मे सफाई का हर जगह अपना महत्व है लेकिन बात स्वास्थ्य क्षेत्र की हो तो सफाई का महत्व और अधिक बढ़ जाता है कर्मचारी राज्य बीमा अस्पतालों में ही अगर ऐसा गंदगी का माहौल है तो यह सवाल बहुत ही पेचीदा होता कि क्या उस कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल में मरीज स्वस्थ होंगे या फिर जो स्वस्थ व्यक्ति है वह भी बीमार हो जाएगा कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल में खुले में पड़े गंदगी के लिफाफे बात रहे है की जहां पर सफाई व्यवस्था को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल में सफाई नाम की कोई चीज ही नहीं है कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल में गंदगी का ऐसा माहौल है हैरानी की बात है कि अस्पताल का प्रशासन भी इस बात से अनभिज्ञ है ऐसे में सवाल है कि क्या अस्पताल प्रशासन सफाई व्यवस्था को लेकर रुचि नहीं दिखा रहा है फिर भी उसे यह गंदगी नहीं दिखाई दे रही है

कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल मे सफाई व्यवस्था होना बहुत ही लाजमी है लोगों का कहना है कि लिफाफों में कूड़ा भरा हुआ है जिस बायो वेस्ट कचरे का तरीके से निष्पादन होना चाहिए था वह खुले में फैल रहा है लोगों में इससे बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया वहीं, अस्पताल प्रशासन सफाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च करता है लेकिन इसके बाद हालात सबके सामने अस्पताल की सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल में प्रतिदिन 500 से 600 मरीज अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं ऐसे में लोगों में भी भय का माहौल बना हुआ है वहीं इस बारे में कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक सुनीता सिंह का कहना है कि बजट नहीं है जब बजट होगा जब हम सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के आदेश देंगे