परिवार नियोजन से सशक्त समाज और समृद्ध भविष्य का निर्माण: सिविल सर्जन ने किया जागरूक
वीरेंद्र चौहान, समाज जागरण ब्यूरो किशनगंज।
18 नवंबर।
परिवार नियोजन केवल जनसंख्या नियंत्रण का साधन नहीं, बल्कि सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। यह न केवल बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि गरीबी उन्मूलन और लैंगिक समानता को बढ़ावा देकर समाज को सशक्त बनाता है। इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए सोमवार को जिले के सदर अस्पताल प्रांगण में परिवार नियोजन मेला एवं मीडिया ब्रीफिंग का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का नेतृत्व सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने किया, जिन्होंने इस पहल को सतत विकास के लक्ष्य 3 (सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करना) और लक्ष्य 5 (लैंगिक समानता और महिलाओं का सशक्तिकरण) से जोड़ते हुए समाज में परिवार नियोजन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “परिवार नियोजन सतत विकास का आधार है। यह केवल व्यक्तिगत लाभ नहीं देता, बल्कि समाज और राष्ट्र की उन्नति में भी सहायक है।”
परिवार नियोजन: स्वस्थ जीवन, उज्ज्वल भविष्य-
मेले में विशेषज्ञों और स्वास्थ्य कर्मियों ने दंपतियों को परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों की जानकारी दी, जैसे:
कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियां
कॉपर-टी और अंतरा इंजेक्शन
नसबंदी (महिला और पुरुष दोनों)
कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि परिवार नियोजन के माध्यम से मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है, जिससे स्वस्थ और शिक्षित पीढ़ी का निर्माण होता है।
पुरुष नसबंदी: जिम्मेदार पिता और पति का प्रतीक-
सिविल सर्जन ने पुरुष नसबंदी पखवाड़े के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “पुरुष नसबंदी एक सुरक्षित और आसान प्रक्रिया है। यह केवल परिवार नियोजन का साधन नहीं, बल्कि जिम्मेदार पति और पिता होने का प्रतीक है। समाज में इसकी स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। इस पखवाड़े के तहत जिले में 70 पुरुष नसबंदियों का लक्ष्य रखा गया है, जिसे पूरा करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।”
मीडिया और समुदाय की भागीदारी अनिवार्य-
मीडिया ब्रीफिंग में सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कहा कि“परिवार नियोजन को बढ़ावा देने और इसे सतत विकास से जोड़ने में मीडिया की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है। जागरूकता फैलाने के लिए मीडिया हमारी ताकत है। इसके जरिये हम लोगों तक यह संदेश पहुंचा सकते हैं कि परिवार नियोजन एक स्वस्थ और खुशहाल समाज के निर्माण का आधार है।”कार्यक्रम में सास-बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें परिवार नियोजन की उपयोगिता और इसके सामाजिक व आर्थिक लाभों पर चर्चा हुई। आशा कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया कि वे घर-घर जाकर योग्य दंपतियों को सेवाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें।
सतत विकास की दिशा में मजबूत कदम-
जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि यह मेला और जागरूकता अभियान केवल परिवार नियोजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को सतत विकास की दिशा में ले जाने का प्रयास है। उन्होंने कहा, “परिवार नियोजन सेवाएं न केवल मातृ और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाती हैं, बल्कि सामाजिक समृद्धि और आर्थिक स्थिरता भी सुनिश्चित करती हैं।”जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजिम ने बताया कि इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि परिवार नियोजन अपनाने से ही एक स्वस्थ, सशक्त और समृद्ध समाज का निर्माण संभव है। यह सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक ठोस कदम है।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और इसे समाज में जागरूकता फैलाने की दिशा में एक सफल प्रयास माना गया।