छवि रंजन के गिरफ्तार होने की पूरी कहानी:

कैसे ईडी तक पहुंचा जमीन घोटाले की जांच का मामला,

कब कैसे और कहां- कहां हुई रेड

संजय सिंह, ब्यूरो चीफ सह प्रभारी,समाज जागरण,
दक्षणी छोटा नागपुर प्रमंडल,

राँची (झारखंड ) 05 मई 2023:-
रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन को कल रात गिरफ्तार कर लिया गया। यह सब हुआ कैसे ? कैसे छवि रंजन ईडी के रडार में आये ? कैसे जमीन घोटाला मामले की जांच शुरू हुई ? इस मामले को शुरू से समझना जरूरी है।कैसे शुरू हुई जांच ईडी ने जमीन घोटाले की जांच रांची के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के आधार पर शुरू कर दी। सेना के कब्जे वाली जमीन के सिलसिले में जांच कर आयुक्त ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इस जांच रिपोर्ट में स्पष्ट था कि फर्जी नाम और पता के आधार पर सेना की जमीन पर कब्जा किया गया।
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12 घंटे पहले छवि रंजन के गिरफ्तारी की पूरी कहानी

रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन को कल रात गिरफ्तार कर लिया गया। यह सब हुआ कैसे ? कैसे छवि रंजन ईडी के रडार में आये ? कैसे जमीन घोटाला मामले की जांच शुरू हुई ? इस मामले को शुरू से समझना जरूरी है।

कैसे शुरू हुई जांच

ईडी ने जमीन घोटाले की जांच रांची के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के आधार पर शुरू कर दी। सेना के कब्जे वाली जमीन के सिलसिले में जांच कर आयुक्त ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इस जांच रिपोर्ट में स्पष्ट था कि फर्जी नाम और पता के आधार पर सेना की जमीन पर कब्जा किया गया।

​​​​​​​ईडी ने कब- कब मारा छापा

रांची नगर निगम ने इस मामले की शिकायत दर्ज करा दी। ईडी ने इसी प्राथमिकी को इसीआइआर ( (ECIR- Enforcement Case Information Report ) के रूप में दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी। इस मामले की जांच शुरू हुई तो पहला छापा नवंबर 2022 में व्यापारी विष्णु अग्रवाल, अमित अग्रवाल के ठिकानों पर पड़ा। ईडी ने दूसरी बार छापा मारा 13 अप्रैल को रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, बड़गाईं अंचल के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, कर्मचारी भानु प्रताप समेत जमीन के कारोबार से जुड़े 21 ठिकानों पर छापेमारी की गयी। छापेमारी में कई अहम सबूत मिले। सरकारी दस्तावेज घर में रखने के आरोप में कर्मचारी भानु प्रताप सहित सात जमीन कारोबारियों को गिरफ्तार कर लिया। रिमांड पर इन अभियुक्तों से हुई पूछताछ के दौरान जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने में शामिल अन्य लोगों की जानकारी मिल गयी।
24 अप्रैल को फिर एक छापा पड़ा मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थापित पीपीएस उदय शंकर के ठिकानों पर। ईडी को जानकारी मिली की जमीन कारोबारियों को प्रशासनिक मदद पहुंचाने की कोशिश इसी जगह से होती थी। उदय शंकर को मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू का करीबी बताया गया। 26 अप्रैल को बिपिन सिंह सहित बजरा मौजा की 7.16 एकड़ जमीन आधे से भी कम कीमत पर खरीदनेवाले रवि भाटिया के साथ- साथ कुछ और के ठिकानों पर रेड हुई।

समन और पूछताछ का दौर

छापेमारी खत्म होने के बाद ईडी ने इस मामले में पुख्ता सबूत इकट्ठा किए। इसके बाद शुरू हुआ दौर समन और पूछताछ का। इडी ने रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, विष्णु अग्रवाल, कोलकाता के एडिशनल रजिस्ट्रार, जगत बंधु टी स्टेट के निदेशक दिलीप घोष को समन जारी किया। छवि रंजन को दो बार समन जारी किया गया। तीसरी बार के समन पर वह ईडी के समक्ष पेश हुए पहली बार की पूछताछ लगभग दस घंटे चली, दूसरे दौर की पूछताछ के लिए चार मई को बुलाया गया इस बार दस घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में अभी और कई सूत्रधार हैं जिनसे पूछताछ जारी है। कारोबारी विष्णु अग्रवाल अभी ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए हैं। आज उनके कागजात हेराफेरी से संबंधित कई सवाल किए गए हैं। सूत्रों की मानें तो जमीन कारोबारियों और आइएएस छवि रंजन के खाते के ट्रांजैक्शन के सबूत भी ईडी के हाथ लगे हैं।इससे पहले रांची सब रजिस्ट्रार वैभव मणि और कोलकाता के एडिशनल रजिस्ट्रार त्रिदिप मिश्रा से भी ईडी पूछताछ कर चुकी है। आठ मई को रांची के कारोबारी विष्णु अग्रवाल से पूछताछ की जाएगी। वैभव मणि से सौंपे कागजात इससे पहले रांची के सब रजिस्ट्रार वैभव मणि से पूछताछ की गयी। पूछताछ के दौरान वैभव मणि ने रांची में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन व चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन से संबंधित मामले में रजिस्ट्री से संबंधित कागजात भी ईडी को सौंपा है। वैभव मणि त्रिपाठी ने ईडी को बता दिया है कि उन्होंने किस परिस्थिति में और किसके कहने पर रजिस्ट्री की। ईडी को पूछताछ में वैभव मणि से कुछ अन्य जमीन के बारे में भी जानकारी मिली है, जिसपर आगे का अनुसंधान शुरू हो गया है। अब बताया जा रहा है कि जमीन घोटाला मामले में ईडी की जांच का दायरा बढ़ने वाला है।

डीएसपी सिटी बने पर्यवेक्षणकर्ता

एक मई को पूछताछ के दौरान रांची के सदर थाना कांड संख्या 399/2022 का फिर से जांच कर रही रांची पुलिस की टीम ईडी कार्यालय पहुंची थी। डीएसपी सिटी दीपक कुमार व थानेदार सदर श्याम किशोर महतो ने ईडी को उक्त जमीन से संबंधित जानकारी दी। सिटी डीएसपी दीपक कुमार को कांड का पर्यवेक्षणकर्ता बनाया गया था।
बता दें कि चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की हेराफेरी की गई है। जालसाजी का आरोप रांची के कारोबारी विष्णु अग्रवाल व अन्य पर है। सात आरोपी भेजे जा चुके हैं जेल
इसी मामले में 13 अप्रैल को छापेमारी की गयी। जिसके बाद सात लोगों को गिरफ्तार किया गया। उनसे लगभग 12 दिन पूछताछ की गयी। उसके बाद बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन का फर्जी विक्रेता प्रदीप बागची सहित कुल सात आरोपितों को जेल भेज दिया है। इन पर सेना की जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने, फर्जीवाड़ा करने व फर्जी दस्तावेज के आधार पर होल्डिंग नंबर लेने, फर्जी कब्जा दिखाकर जमीन बेचने आदि के आरोपों की पुष्टि हो चुकी है