जनता की सेवा करना मेरा फर्ज,,,मेरा कर्तव्य,,,,मेरा अधिकार…


समाज जागरण संवाददाता विवेक देशमुख

मुंगेली। मुंगेली जिले की फेमस लेडी सिंघम को इन दिनों कई लोग पचा नहीं पा रहे है….वैसे है तो एक सामाजिक कार्यकर्ता….लेकिन ग्रामीण क्षेत्रो के मुलभुत समस्याओ से जुड़े हुए कार्यो को आसानी से करवा देती है…और अब तक कई काम करवा चुकी है…यही कारण है की उसे लोग सम्मान देने लगे है और समस्याओ का निरकरण करवाने आते है…दरसल हम समाजसेवी डॉ.सरिता भारद्वाज के बारे में बात कर रहे है…जो इन दिनों मुंगेली जिले में नहीं बल्कि प्रदेश भर में काफी चर्चित है…जिसके कार्यो को देखते हुए ग्रामीण और समर्थको ने अब उसे लेडी सिंघम कहना शुरू कर दिया है….बताते है की शुरू से पति के साथ रहकर गरीबो,निर्धन और आर्थिक रूप से कमजोर लोगो की सेवा करने का मन में ठान ली थी…और पति के सपनो को साकार करने के लिए वो खुद मैदान में उतरी और ग्रामीण क्षेत्रो की समस्याओ को निबटाने के लिए एड़ी चोटी एक कर दी है…और अब तक कई बार ग्रामीणों को लेकर कलेक्टर,विधायक ,सीएम के पिता और सीएम के पास जाकर आवेदन पत्र दे चुकी है…जिसका परिणाम भी आ रहा है…पति के सपनो को पूरा करने के लिए लेडी सिंघम ने सबसे पहले मुंगेली विधान सभा के कई परिवार वालो को गिरौदपूरी धाम ले जाकर बाबा जी के दर्शन करवाई…यहाँ तक उनकी मदद की…इतना ही नहीं लोगो ने उनके इस सेवा भाव को देखते हुए अपने दिल पर जगह दे दिया..खैर बात यही पर खत्म नहीं होती बल्कि डॉ.सरिता भारद्वाज कब लेडी सिंघम बनी उसे खुद नहीं मालूम….और अब समाजसेवी महिला लोगो की सेवा करने में पीछे नहीं हटती…बल्कि यह कहती है की बड़े ही तक़दीर वालो को सेवा करने का अवसर मिलता है…और वे लोग बहुत सौभाग्यशाली होते है जिनको सेवा नसीब होता है…आपको बता दे की पानी हो बरसात हो गर्मी हो या फिर ठंडी का मौसम….कभी भी
किसी भी वक्त उनके पास पहुंचा हुआ फरियादी खाली हाथ और निरास होकर नहीं जाता है..इधर जब हमने उनसे बात किया तो उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा की ये लोगो का प्यार है आशीर्वाद है…जिसके कारण यहाँ तक पहुंची हूँ और लोगो की सेवा कर पाती हूँ….वही उनसे पूछा गया की क्या आपका यह कदम राजनीति की तरफ है तो पहले तो वे हंसने लगी और मुस्कुराकर बातो को टाल गयी..फिर उनका कहना था की फ़िलहाल तो पति के सपनो को पूरा करने में व्यस्त हूँ और जनता की सेवा करना मेरा फर्ज है…यही कारण है कि जब भी समय मिलता है दौरा करते हुए ग्रामीणों की समस्याओ को सुनती हूँ और मेरे से जो मदद होता है वह करती हूँ….बातो बातो में हमने जब पूछा की आपको समाज सेवा करने की जरूरत क्यों पड़ी तो उनका जवाब रहा की किसी की मदद करना समाजसेवा नहीं होता है…बल्कि एक पीड़ित का मदद करना फर्ज होता है और लोग जिसके ऊपर भरोसा करते है उसी से अपना दुःख दर्द बताकर समस्या को रखते है…इसलिए मुझे मदद करने में अच्छा लगता है…जब कोई मुझे अपना समझकर कोई काम लेकर आता है और मदद करने की बात करता है…तो मेरी कोशिश यही रहती है की मेरे पास आया हुआ कोई भी व्यक्ति खाली हाथ न जाए….एक सवाल पर उन्होंने बताया की लेडी सिंघम क्यों और किसलिए कहते है यह तो नहीं मालुम….उनको जो अच्छा लगता है वो बोल सकते है….लेकिन मै अपना काम करते रहूंगी…
अंत में उन्होंने कहा की मुंगेली जिले में मेरा ससुराल है और यहाँ की बेटी हूँ…लोग मुझे अपना समझकर काम करने बोलते है तो उनके उम्मीदों और विश्वास पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करुँगी….और मै अपना पूरा जीवन समाज सेवा करने में बिता दूंगी बल्कि समाजसेवा में समर्पित कर दूंगी..